गोलू | Natkhat Ladka | hindi short story

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गोलू (Golu) | Natkhat Ladka- स्टोरी फॉर किड्स इन हिन्दी (hindi short story):

स्टोरी फॉर किड्स इन हिन्दी- बच्चों की कहानियाँ मनोरंजक होती हैं, जिन्हें पढ़ने से प्यार भरा एहसास होता है| ऐसी ही hindi short story (कहानी) गोलू की है| एक छोटे से शहर का नटखट बच्चा (Natkhat Ladka) गोलू (Golu), जिसकी उम्र केवल सात वर्ष की थी| उसकी शरारतों से मोहल्ले के सभी लोग परेशान रहते थे| गोलू कहीं किसी की गाड़ी के चक्कों की हवा निकाल देता तो, किसी के दरवाज़े में गोबर लगाकर भाग जाता है| गोलू के माता पिता सब्ज़ी की दुकान लगाते थे| वह भी अपने बच्चे की शरारत से हताश हो चुके थे| अब तो उन्होंने उसे डाँटना ही छोड़ दिया था| दरअसल गोलू की उम्र कम थी, इसलिए उसे बच्चा समझ कर, सभी उसकी गलतियों को नज़रअंदाज़ कर देते थे| एक दिन गोलू अपने घर के बाहर खेल रहा था, उसे अचानक एक खंभे पर एक घोसला दिखाई देता है| गोलू बहुत शरारती था| वह धीरे से खम्भे में चढ़ने का प्रयास करने लगता है, लेकिन अधिक ऊँचाई की वजह से, वह ऊपर नहीं पहुँच पा रहा था| गोलू के दिमाग़ में शरारत सूझ रही थी| वह घोंसले में पत्थर मारने लगता है| अचानक वह घोसला खम्भे से नीचे गिर जाता है| क़िस्मत से घोंसले के अंदर एक ही अंडा था, जो बिलकुल सुरक्षित बच जाता है, लेकिन यह कोई चिडिया का अंडा नहीं था, बल्कि एक चील का था| गोलू वह अंडा, अपनी जेब में रख लेता है और वहाँ से जाने लगता है| उसी समय वह चील वहाँ पहुँच जाती है, जिसका वह अंडा था| चील अपने घोंसले की बुरी हालत देख कर, बहुत ग़ुस्सा होती है| वह अपने अंडे को, इधर उधर ढूँढने लगती है| तभी उसे गोलू भागते हुए नज़र आता है| वह गोलू के पीछे उड़ने लगती है, लेकिन क़िस्मत से गोलू घर के अंदर चला जाता है| गोलू घर के अंदर पहुंचकर, अंडे को कोने में एक कपड़े के अंदर लपेट कर रख देता है| चील गोलू के घर के ऊपर चक्कर लगाने लगती है|

hindi short story
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चील को देखकर मोहल्ले के लोगों को लगता है, “आस पास कोई जानवर मारा होगा, इसलिए चील आसमान में मंडरा रही है”| कुछ लोग उसे देखकर डर रहे होते हैं, क्योंकि उस चील आकार बहुत बड़ा था और वह किसी इंसान को आसमान में उड़ा कर ले जाने के लिए काफ़ी थी| सभी उसे अपने अपने तरीक़े से भगाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन किसी को उसके मंडराने का कारण नहीं समझ में आ रहा था| रात होते ही चील मोहल्ले से दूर चली जाती है| सभी को लगता है कि, चलो पीछा छूटा| गोलू अपने घर के अंदर एक छोटा सा घोंसला बनाता है और अंडे को कपड़े से निकाल कर, घोंसले में रख देता है| अगली सुबह गोलू घर के बाहर खेल रहा होता है और उसी समय वह चील, गोलू की तरफ़ आने लगती है| अचानक एक व्यक्ति चील को आते देख लेता है, वह तुरंत चील के झपटने से पहले, गोलू को वहाँ से हटा लेता है| गोलू तुरंत अपने घर के अंदर भाग जाता है| चील उस वक़्त वहाँ से चली जाती है| मोहल्ले में चील को मंडराते कई लोगों ने देखा था| सभी आपस में चर्चा कर रहे होते हैं, “कहीं चील किसी बच्चे को उठा न ले जाए” सभी डर चुके थे| इस बार गोलू के ऊपर हमला हुआ था, हो सकता है, अगली बार किसी और बच्चे का नंबर हो| अब से सभी को अधिक चौकन्ना रहने की ज़रूरत थी| मोहल्ले के लोगों को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि, इस चील से कैसे छुटकारा पाया जाए| गोलू यह सब तमाशा देख रहा था| गोलू सभी से यह बात छुपा के रखता है कि, उसने चील का अंडा ले लिया है, इसलिए चील उसके घर के आस पास घूम रही है| सभी चर्चा के दौरान, एक हल निकालते हैं कि, चील को पकड़कर, इस मोहल्ले से दूर, किसी जंगल में छोड़ दिया जाए, लेकिन चील को पकड़ना, इतना आसान नहीं था| चील को पकड़ने के लिए, जाल लगाया जाता है| घरों की छत के ऊपर, कुछ खाना रखकर, छोटे छोटे फंदे कई जगह लगा दिए जाते हैं और चील के इंतज़ार में सभी, ताक लगाए बैठे रहते हैं| अचानक बड़े पंख फैलाए, चील की दस्तक होती है| उसे देखते ही, लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं| सभी छुपकर देख रहे होते हैं, इन्हें पूरी उम्मीद थी कि, चील किसी न किसी जाल में, ज़रूर फँसेगी, लेकिन इनकी सोच से उलट, वह एक छोटे से बच्चे के पीछे लग जाती है| बच्चा भागते हुए, एक गड्ढे में गिर जाता है| चील उसी गड्ढे के ऊपर बैठकर, अपने पंख फड़फड़ाने लगती है| सभी चील को देख रहे थे, लेकिन किसी की हिम्मत उस बच्चे को बचाने की नहीं हो रही थी| कुछ लोग हिम्मत करके, चील पर पत्थर फेंकते हैं, लेकिन वह वहाँ से हटने का नाम नहीं लेती| उसी दौरान गोलू चील का अंडा लेकर, घर के बाहर आ जाता है और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाकर, अंडे को दिखाने लगता है|

गोलू (Natkhat Ladka) hindi short story
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जैसे ही चील की नज़र, अपने अड्डे पर पड़ती है| वह उस बच्चे को छोड़कर, गोलू की तरफ़ भागती है और गोलू चालाकी से, अंडा ज़मीन में रखकर, अपने घर के अंदर भाग जाता है| चील वहाँ पहुंचकर तुरंत अपना अड्डा उठा लेती है| अंडा मिलते ही चील ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगती है और कुछ ही पलों में, अंडे को लेकर, आसमान में ओझल हो जाती है| मोहल्ले के सभी लोग गोलू का यह कारनामा देख रहे थे| सब समझ चुके थे कि, गोलू की शरारत की वजह से ही, यह सब हुआ है| गोलू के माँ बाप उसे डांट रहे होते हैं, लेकिन गोलू ने सही वक़्त में वह अंडा चील को दिखाकर, उस बच्चे की जान बचायी थी, इसलिए वह मोहल्ले का हीरो बन चुका था| लोग उसकी गलतियों को, नज़रअंदाज़ करके, उसे गोद में उठा लेते हैं और गोलू की अक्लमंद सोच की बहुत तारीफ़ करते हैं| इस घटना के बाद भी गोलू की शरारतें तो चलती रहती है लेकिन यह कहानी समाप्त हो जाती है|

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