डायनासोर- सफल व्यक्ति की कहानी (Daynasor ki kahani in hindi):
सफल व्यक्ति की कहानी– पृथ्वी के इतिहास में, डायनासोर के कई साक्ष्य मिले हैं| डायनासोर एक विशाल शरीर के प्राणी थे| माना जाता है कि, हज़ारों वर्ष पहले, डायनासोर का अस्तित्व हुआ करता था लेकिन, पृथ्वी के प्रलय की वजह से, वह विलुप्त हो गए लेकिन, आज भी वैज्ञानिक डायनासोर पर रिसर्च करते रहते हैं| इसी से प्रेरित होकर, डायनासोर की कहानी (Daynasor ki kahani) लिखी गई है जो, आपको आधुनिक युग से अवगत कराएगी| शहर में एक, जीव अनुसंधान केंद्र है जहाँ, कई वैज्ञानिक, जानवरों पर शोध करते हैं| इन्हीं में एक, विक्टर नाम का वैज्ञानिक है जिसे, डायनासोर में काफ़ी रुचि थी| वह कई वर्षों से डायनासोर के अवशेष, एकत्रित कर रहा था| एक बार विक्टर, अपनी टीम के साथ, एक घने जंगल के अंदर, जानवरों के शोध के लिए पहुँचता है| उन्हें यहाँ एक ऐसे जानवर का कंकाल मिलता है, जिसकी प्रजाति, विलुप्त हो चुकी थी क्योंकि, वैज्ञानिकों की लिस्ट में, ऐसा कोई जानवर, अस्तित्व में ही नहीं था, जैसा कंकाल, उनके हाथ लगा था| विक्टर, लंबे अरसे से बड़े बड़े कंकालों के बारे में, रिसर्च कर रहा था लेकिन, यह तो, कुछ अलग ही था क्योंकि, यह कंकाल कई जानवरों के गुणों को दर्शाता था| विक्टर ने, आज तक ऐसी किसी प्रजाति के बारे में नहीं सुना था| विक्टर अंदर ही अंदर ख़ुश था क्योंकि, उसके हाथ तो, ख़ज़ाना ही लग चुका था| दरअसल विक्टर, क्लोनिंग की सहायता से, एक डायनासोर तैयार करना चाह रहा था जिसके लिए, उसे डायनासोर के कंकाल की ज़रूरत थी हालाँकि, यह कंकाल, डायनासोर का तो नहीं था लेकिन, इसका आकार किसी डायनासोर से कम भी नहीं था| विक्टर अपनी टीम से, कंकाल को अनुसंधान केंद्र ले जाने को कहता है| लेकिन इतने बड़े आकार के कंकाल को ले जाने के लिए, इनके पास कोई साधन नहीं थे| विक्टर अपने अनुसंधान केंद्र से, हेलिकॉप्टर की मदद लेता है| जिसके माध्यम से कंकाल को, एक बड़े से कंटेनर बॉक्स में रखकर, हवा में लटकाते हुए, ले जाया जाता है|
इतने अजीब अवशेष को देखकर, अनुसंधान केन्द्र में, हलचल मच चुकी थी| विक्टर को सभी बधाई दे रहे थे लेकिन, उसके दिमाग़ में तो कुछ और ही चल रहा था| उसने डायनासोर के अस्तित्व की कल्पना की थी, जिसे वह, साकार करने जा रहा था विक्टर कंकाल का पूरा नाप लेकर, हुबहू “आर्टिफिशियल बोन स्ट्रक्चर” तैयार करवाता है| सभी वैज्ञानिक, विक्टर से इसकी वजह जानना चाहते थे लेकिन, वह उन्हें गुमराह करते हुए, कह देता है कि, “यह स्ट्रक्चर, सिर्फ़ आम दर्शकों को दिखाने के लिए, तैयार करवाया जा रहा है” लेकिन, विक्टर ने, उस स्ट्रक्चर में, जान फूंकने की सारी तैयारियां कर ली थी| उसने क्लोनिंग की सहायता से कुछ जानवरों के DNA की तकनीक से, एक जीता जागता, डायनासोर तैयार कर दिया लेकिन, विक्टर से एक गलती हो गई, उसने जल्दबाज़ी में, ऐसा कोई तरीक़ा नहीं ढूंढा जिससे, वह इस डायनासोर को कंट्रोल कर सके| विक्टर का बनाया हुआ डायनासॉर, पूरी तरह ख़ुद के निर्णय लेने में सक्षम था| और तो और, उसके अंदर, जानवरों की सारी हिंसात्मक प्रवृत्ति डाली गई थी| जिसकी वजह से, वह होश में आते ही, अनुसंधान केन्द्र को तोड़ फोड़ कर बाहर निकल जाता है| अनुसंधान केन्द्र में, अफ़रा तफ़री मच जाती है| किसी ने जीते जागते डायनासोर की कल्पना ही नहीं की थी इसलिए, उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा था कि, यह इस पृथ्वी पर कैसे आ गया| डायनासोर को क़ाबू में करने के लिए, आर्मी फ़ोर्सेज़, हेलीकॉप्टर से फ़ायरिंग करते हैं लेकिन, डायनासोर की खाल इतनी मज़बूत बनायी गई थी कि, गोली तो क्या, बम का भी असर न हो| डायनासॉर, शहर में तबाही मचाने के बाद, जंगल की ओर अपना रुख़ कर लेता है और भागते हुए, एक गुफा में जाकर छुप जाता है| यहाँ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) तहक़ीक़ात करते हुए, विक्टर तक पहुँच जाती है| विक्टर को, ग़ैर क़ानूनी एक्सपेरिमेंट करने के लिए, गिरफ़्तार कर लिया जाता है| जाँच एजेंसियां, विक्टर से जानना चाह रही थी कि, उस डायनासोर को, कैसे क़ाबू में किया जा सकता है लेकिन, विक्टर ख़ुद, उसे क़ाबू करने का फ़ॉर्मूला नहीं बना पाया था| उसने जल्दबाज़ी में, आर्टिफिशियल डायनासोर को, जीवित कर दिया था| पूरे शहर में दहशत का माहौल छा चुका था|
अचानक एक सैटलाइट फ़ुटेज में, डायनासोर की हरकतें, छोटे मोटे जानवरों की तरह दिखाई देती है| साथ ही साथ, कुछ जगह पर डायनासोर, कुछ जानवरों के साथ खेलता हुआ भी दिखाई दिया था| वैज्ञानिक यह समझने की कोशिश कर रहे थे कि, “डायनासोर वाक़ई हिंसक है, क्या हमें इसे मारना चाहिए या इससे किसी को कोई नुक़सान नहीं है?” वैज्ञानिकों को, विक्टर के फ़ॉर्मूले की जाँच करने से, पता चलता है कि, विक्टर ने कई तरह के जानवरों के DNA, डायनासोर के अंदर इंजेक्ट किया है इसलिए, वह पल पल, अपना स्वभाव बदलता जा रहा है| उन्हें यह नहीं समझ में आ रहा था कि, डायनासोर किस समय, किस जानवर के अनुसार, बर्ताव करेगा| प्रकृति में, यदि कोई ऐसा आ जाए, जिसे समझ पाना, वैज्ञानिकों के लिए असंभव हो तो, वह उसे, इस पृथ्वी पर, नहीं रहने देंगे क्योंकि, इंसानों ने, इस पृथ्वी पर सिर्फ़ अपना अधिकार ही समझा है| वैज्ञानिकों का दल, डायनासोर की ट्रैकिंग करते करते, एक समुंदर के किनारे पहुँचता है| जहाँ उन्हें पता चलता है कि, डायनासॉर समंदर की गहराई में जा चुका है और अब उसे पकड़ पाना, असंभव है क्योंकि, समुद्री दुनिया, इन्सान की पहुँच से आज भी दूर है| विक्टर को, उसके इस काम के लिए, कुछ सालों की जेल हो जाती है और साथ ही साथ, विक्टर का वैज्ञानिक सर्टिफिकेशन, अवैधानिक घोषित कर दिया जाता है लेकिन, विक्टर को, अपने काम पर कोई प्रस्ताव नहीं था बल्कि, वह मन ही मन, ख़ुश था कि, उसने इस पृथ्वी को, एक नया विलुप्त हो चुका जानवर सौंप दिया|