तुलना (नई कहानी हिंदी)- शार्ट मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी (नकलची बंदर की कहानी):
शार्ट मोटिवेशनल स्टोरी– एक बहुत ही ख़ूबसूरत जंगल था जहाँ, कई जानवर रहते थे| उन्हीं जानवरो में एक नकलची बंदर भी था जो, सभी जानवरों से तुलना करने की कोशिश किया करता था| दरअसल, इस जंगल में एक ही बंदर था| इस वजह से वह अपनी ज़िंदगी से ख़ुश नहीं था| रोज़ाना पेड़ों में उछल कूद से, उसके दिन की शुरुआत होती लेकिन, जैसे ही वह किसी जानवर को देखता तो, उसके जैसे बनने की कोशिश में लग जाता| उसे हमेशा अपने अंदर कमी नज़र आती रहती| एक दिन बंदर तालाब के किनारे बैठा था| उसी समय उसे एक कछुआ तालाब के अंदर जाता हुआ दिखाई दिया| बंदर को लगा कि, जैसे कछुआ धीरे धीरे चलकर पानी में तैर गया, उसी तरह वह भी कर सकता है और फिर, अगले ही पल वह धीरे धीरे फिसलते हुए तालाब के अंदर जा गिरा|
तालाब में गिरने से, उसे तैरने में परेशानी होने लगी| जैसे तैसे करके, वह तालाब के दलदल से बचकर बाहर आ गया लेकिन, इस घटना ने बंदर को अंदर से डरा दिया था| धीरे धीरे बंदर के अंदर निराशा आने लगी क्योंकि, वह किसी भी जानवर की तरह गुणवान नहीं था| दरअसल, जंगल में सभी जानवरों की अलग अलग खासियत होती है लेकिन, बंदर अपनी क्षमताओं से बेख़बर, बाहरी दुनिया में अपनी क़ाबिलियत तलाश रहा था| सभी जगह से असफल होने के बाद, बंदर को लगने लगा कि, उसे किसी और जगह जाना चाहिए ताकि, वह अपने जीवन की पूरी संभावनाओं तक पहुँच सके| अगले दिन सुबह सुबह वह बिना किसी से कुछ कहे, जंगल से बाहर जाने के लिए निकला| थोड़ा दूर पहुँचते ही, उसे एक पहाड़ पर आग जलती हुई दिखाई दी| आग काफ़ी नज़दीक थी| बंदर को लगा कि, शायद वहाँ कोई जानवर, मदद की तलाश में हो इसलिए, वह आग की तरफ़ पेड़ों के सहारे पहुँच गया| आग के नज़दीक पहुँचते ही, बंदर को एक चिड़िया रोती हुई दिखाई दी| वह अपने बच्चों की मदद के लिए, गुहार लगा रही थी लेकिन, किसी भी जानवर में दहकती आग को पार करने का साहस नहीं था|
तभी बंदर पेड़ों के सहारे लटकते हुए, चिड़िया के पास पहुँचा और उससे कहने लगा, “मैंने तो सुना था, चिड़िया हवा में उड़ सकती है तो, फिर तुम्हारे बच्चे क्यों नहीं उड़ पा रहे|” चिड़िया ने बंदर से कहा, “मेरे बच्चे अभी छोटे हैं| वह उड़ नहीं सकते और मैं भी, उन्हें दूसरी जगह ले जाने में सक्षम नहीं हूँ|” चिड़िया की समस्या सुनते ही, बंदर उसकी मदद करने को तैयार हो गया| वह ज़ोरदार छलांग लगाकर, उसी पेड़ में पहुँच गया जहाँ, एक घोंसले में चिड़िया के छोटे छोटे बच्चे मौजूद थे| बंदर दोनों बच्चों को हाथों में उठाकर, चिड़िया के पास ले आया| अपने बच्चों को सुरक्षित देखकर, चिड़िया ख़ुश हो गई और उसने बंदर को धन्यवाद हुए कहा, “मैंने इस जंगल के सभी जानवरों से अपने बच्चों को बचाने की फरियाद की थी लेकिन, किसी ने भी हिम्मत नहीं दिखाई लेकिन, तुम सर्वश्रेष्ठ शक्तियों के मालिक हो जिसने, इतनी भयानक आग में भी, मेरे बच्चों को कुछ नहीं होने दिया| चिड़िया के मुँह से, बंदर अपनी तारीफ़ सुनकर खुश हो गया|
दरअसल, आज तक जंगल में बंदर से, किसी ने बात भी नहीं की थी| बंदर को लगने लगा था कि, “उसके अंदर कोई ख़ास बात नहीं है” लेकिन, आज मौक़े पर बंदर ने अपनी बहादुरी साबित करके, जंगल में अपनी उपयोगिता सिद्ध कर दी थी और अब उसे एहसास था कि, उसे किसी की तरह बनने की ज़रूरत नहीं बल्कि, अपने आपको निखारने की है| बस फिर क्या था, उसने तय कर लिया कि, वह इस जंगल को छोड़कर कभी नहीं जाएगा| वह हमेशा यहाँ रहने वाले, जीव जन्तुओं की मदद करता रहेगा और इसी के साथ यह कहानी ख़त्म हो जाती है|
घृणा (moral stories in hindi)- जादुई जलपरी की कहानी
मोटा भाई (Mota bhai)- motivational thoughts in hindi
विद्यालय (Vidyalaya)- teacher and student story
पावर कार (Power car)- नई कहानी हिंदी