दिशा (Disha) छोटी सी कहानी लिखी हुई- (web stories) Hindi mein kahaniyan for kids:
छोटी सी कहानी लिखी हुई– हमारे आस पास, कई तरह के जीव जन्तु होते हैं जिन्हें देखकर, जीवन का कुछ मूलभूत ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है| ऐसी ही एक कहानी, कछुआ और मछली की शिक्षा की है जिसने, अजय को जीवन में, सही दिशा (Disha) का चयन करना सिखा दिया| अजय, अपने माता पिता का एक आज्ञाकारी बेटा होने के साथ साथ, एक अच्छा सामाजिक लड़का था जिसे, सबकी भावनाओं की क़दर थी| वह अक्सर, दूसरों की मदद में यक़ीन रखता था| अजय के बड़े भाई की शादी हो चुकी थी और वह एक डॉक्टर थे जिससे, उनका मान सम्मान परिवार में हमेशा, सबसे ज़्यादा होता था लेकिन, वहीं अजय को, सब घर का बच्चा ही समझते थे हालाँकि, अजय पढ़ने में अच्छा विद्यार्थी था और वह, स्वाध्याय में यक़ीन रखता था| वह कॉलेज तो पहुँच चुका था लेकिन, उसकी ज़िंदगी अभी भी, कटी हुई पतन की तरह लहरा रही थी| अजय एक ज़िम्मेदार लड़का था| वह अपने घर के छोटे से छोटे काम को करने में, अपना सौभाग्य समझता था| एक दिन, अजय के बड़े भैया, अपने घर पर कुछ डॉक्टरों को खाने पर, आमंत्रित करते हैं|
अजय, अपनी भाभी के साथ, आए हुए मेहमानों को, खाना परोसने में लग जाता है और इसी बीच, घर आए हुए मेहमानों में से, एक व्यक्ति अजय के बारे में पूछता है| अजय के बड़े भैया, अपने छोटे भाई की पहचान छुपाते हुए कहते हैं, “यह हमारा दूर का रिश्तेदार है और यह घर के छोटे मोटे काम करता रहता है| इसी में इसे ख़ुशी मिलती है|” अजय सारी बातें सुन रहा था| वह मुस्कुराते हुए, अपनी भाभी की तरफ़ देखता है लेकिन, उसकी भाभी भी मेहमानों के सामने, उसे इस तरह नज़रअंदाज़ करती है जैसे, वह उनका देवर नहीं बल्कि, घर का नौकर है| अजय को, अपने भाई की बात से तो, ज़्यादा दुख नहीं हुआ था लेकिन, भाभी के मुँह फेरते ही, उसे इस घर में, अपनी हैसियत पता चल चुकी थी| वह उदास था| मेहमानों के जाते ही, अजय समुद्र के किनारे पहुँच जाता है| उसने कभी नहीं सोचा था कि, उसके सेवा भाव को, उसके अपने ही लोग, उसकी कमज़ोरी समझ लेंगे| कई घंटों तक रोते हुए वह, समुद्र के किनारे बैठा रहा| उसे समझ में ही नहीं आ रहा था कि, “अब वह क्या करें?” क्योंकि, उसका परिवार ही, उसकी दुनिया थी और उनकी सेवा करना ही, उसने अपना धर्म बना रखा था लेकिन, अब उसका भ्रम टूट चुका था| अब वह, अपनी ज़िंदगी में एक सही दिशा चाहता था और तभी, समुद्र में एक बड़ी सी लहर उठती है| वह पत्थर पर बैठे हुए, यह नज़ारा देख रहा था| लहर के तेज बहाव की वजह से, एक कछुआ और मछली, पानी से बाहर आ जाते हैं जिन्हें देखते ही वह, उन्हें पानी में वापस डालने की सोचता है लेकिन, मछली तेज़ी से पानी में जाने की कोशिश करने लगती है| जिसे देखकर, वह रुक जाता है| मछली बार बार, इधर उधर कूदती रहती लेकिन, वह समुद्र के अंदर नहीं पहुँच पा रही थी| अचानक, अजय की नज़र कछुए पर पड़ी, उसे देखते ही वह, दंग हो जाता है क्योंकि, मछली से धीमी गति होने के बावजूद, वह एक दम सीधा चलते हुए, समुद्र के अंदर जा चुका था| अजय को, इस दृश्य ने विचलित कर दिया था| उसने इसी घटना से, शिक्षा लेते हुए तय किया कि, अब वह कछुए की तरह, किसी एक अर्थपूर्ण कार्य को, अपना समय देगा| मछली की तरह, सभी के कामों में, कूदना बंद कर देगा| उसने पत्थर से नीचे उतरकर, भटक रही मछली को, तुरंत समुद्र के अंदर भेज दिया और घर वापस आकर, अपनी पढ़ाई में पूरी तरह जुट गया|
समुद्री घटना ने, अजय को बिलकुल बदल दिया था| अब वह घर के ज़्यादातर कामों को, करने से मना कर दिया करता हालाँकि, इस बात से उसकी भाभी, उससे नाराज़ रहने लगीं और उसके बड़े भैया ने भी, उसे ख़र्चे के लिए पैसे देना बंद कर दिए लेकिन, अब उसे इन सब बातों से कोई फ़र्क नहीं पड़ता था| उसने तो ठान लिया था कि, अब उसे अपने जीवन को ऊंचाइयों तक ले जाना ही है| कुछ ही महीनों के लगातार, कठिन परिश्रम की वजह से, अजय सिविल सर्विस के उच्चतम स्तर तक पहुँच चुका था| अजय, शहर का प्रशासनिक अधिकारी बन जाता है| अजय की कामयाबी से, उसके माता पिता के साथ, भैया भाभी भी ख़ुश हो जाते हैं| अजय के भैया, उसकी कामयाबी के बारे में, अपने दोस्तों को बताने के लिए, अपने घर बुला लेते हैं लेकिन, अजय अब शहर का बहुत बड़ा अधिकारी था, उसकी ज़िम्मेदारी बढ़ चुकी थी| वह अपने भाई के दोस्तों से, बिना मिले ही, अपने दफ़्तर पहुँच जाता है| अजय के भाई को, पहली बार अपमान महसूस हुआ था लेकिन, अजय ने यह, बदला लेने के लिए, जानबूझकर नहीं बल्कि, काम में व्यस्तता के कारण किया था| अजय अब पुरानी बातों को भूल चुका था और उसने, अपने जीवन को देश के लिए समर्पित कर दिया था|