बाज की दस्तक – बाल कहानी इन हिंदी (Small Moral story in hindi):
बाल कहानी इन हिंदी– बाज सबसे अच्छा शिकारी पक्षी है| उड़ने वाले जीवो की तुलना में बाज ताकतवार पक्षी कहलाता है| एक जंगल में छोटा सा तालाब था| उस तालाब में बहुत सी मछलियाँ रहती थी और यहाँ कई तरह के जीव भी मौजूद थे| सभी का जीवन खुशियों से भरा था| मछलियाँ सारा दिन तालाब के पानी में फुदकती रहती और कछुए, डुबकी लगाते रहते लेकिन, एक दिन तालाब के नज़दीक, एक पेड़ के ऊपर, एक बाज की दस्तक होती है| बाज बूढा हो चुका था और अब उसे, बड़े जानवरों का शिकार करने में परेशानी हो रही थी इसलिए, वह उसी तालाब के किनारे मछलियों का शिकार करने आ चुका था| बाज़ के आते ही धीरे धीरे तालाब से, मछलियों की संख्या कम होने लगती है| सभी मछलियाँ बाज के आतंक से डर चुकी थी| उन्हें साँस लेने के लिए, कई बार पानी के ऊपर जाना पड़ता था लेकिन, उसी समय बाज किसी न किसी मछली को, अपना भोजन बना लेता| सभी मछलियों ने बाज़ से बचने के लिए, तालाब में मौजूद कछुए से मदद माँगी लेकिन, कछुआ भला बाज़ का क्या कर सकता था? उसने मदद करने से इनकार कर दिया|
इसी तरह का, लगभग सभी जीवों का कहना था| किसी की हिम्मत, बाज से लड पाने की नहीं थी| मदद न मिलने पर, मछलियों ने तय किया कि, यह उनकी समस्या है और इसके लिए, उन्हें ही आगे आना होगा| सभी मछलियों ने मिलकर एक योजना बनायी है कि, “जब भी बाज़ तालाब से दूर होगा| तभी छोटी मछलियां साँस लेने पानी की सतह पर जाएंगी क्योंकि, बाज़ छोटी मछलियों को ही अपना शिकार बनाता था|” बड़ी मछलियों को उठाकर, बाज उड़ नहीं सकता था इसलिए, बड़ी मछलियों को बाज से कोई ख़ास ख़तरा नहीं था| योजना के अनुसार, मछलियाँ बारी बारी से पानी के ऊपर जाने लगी| बड़ी बड़ी मछलियाँ पानी के ऊपर, बाज़ पर निगरानी रखती है और जब वह आराम कर रहा होता, तब छोटी मछलियां जाकर पानी की सतह पर, उछलने लगती| कई दिनों से, बाज़ छोटे मोटे कीड़े मकोड़े खाकर ही काम चला रहा था| उसे समझ में ही नहीं आ रहा था कि, अब उसके शिकार के समय, एक भी मछली ऊपर क्यों नहीं आ रही| बाज की नज़रें तेज होती हैं| सच्चाई का पता लगाने के लिए, बाज तालाब के ऊपर, कई घंटों तक उड़ता रहता है| तभी उसे मछलियों की चाल समझ में आ गई और उसने तुरंत, अपना शिकार करने का तरीक़ा बदल दिया जिससे, मछलियों का दाँव उल्टा पड़ जाता है| बाज़ पेड़ के पीछे छुपा जाता और जैसे ही, कुछ मछलियाँ पानी के ऊपर आकर फुदकने लगतीं, वह बिजली की तेज़ी से आकर, अपना शिकार लपक लेता|
मछलियाँ बाज के बढ़ते हुए आक्रमण से परेशान हो चुकी थी| उन्होंने तय किया कि, “अब अगर हमें जीना है तो, बाज को सबक़ सिखाना ही होगा|” सभी ने योजना के तहत, बाज को तालाब के नज़दीक बुलाने का जाल बिछाया और जैसे ही वह, छोटी मछलियों को खाने आया, उसी समय एक बड़ी मछली ने, उसकी चोंच पकड़कर, उसे तलाब के अंदर खींच लिया और आख़िरी साँस तक, उसकी चोंच पानी के अंदर डुबाए रखी जिससे, बाज़ का दम घुट गया और वह पानी में बेसुध होकर, तैरने लगा| बाज से लड़ते हुए, बड़ी मछली भी दुनिया को अलविदा कह चुकी थी लेकिन, एक बहादुर मछली की क़ुर्बानी ने, सभी को हिम्मत से लड़ना सिखा दिया था|