बुद्धिमान बंदर (ज्ञानवर्धक लघु कथा)- बंदर की कहानी (Animal Moral stories for kids):
ज्ञानवर्धक लघु कथा– बंदर की कहानियाँ, बच्चों को बहुत पसंद आती है| जंगली जानवरों में बंदर, इंसान के सबसे नज़दीक, पाया जाने वाला प्राणी हैं इसलिए, बंदरों में इंसानों से, मिलती जुलती कई हरकतें, पाई जाती है| ऐसा ही, एक बुद्धिमान बंदर, सूरजपुर गाँव में बने तालाब के किनारे, एक पेड़ पर रहता था| कई महीनों पहले, यह बंदर मदारी की चंगुल से छूटकर भागा था और तब से, अकेले ही सूरजपुर गाँव में रहता था हालाँकि, गाँव के लोग इसे, खाने पीने के लिए, कुछ चीज़ें दे दिया करते थे और कुछ यह, चोरी छुपे इंतज़ाम कर लिया करता था लेकिन, एक बार गांव में, वर्षा न होने की वजह से, खाने का अकाल पड़ गया| जिन भी खेतों में, अनाज की खेती की गई थी, किसी भी खेत में, एक भी पौधा नहीं उगा| गाँव वालों के पास, पुराना संचय किया हुआ, थोड़ा बहुत अनाज था जिससे, वह अपना गुज़ारा करने पर, मजबूर हो गए थे लेकिन, बंदर को अपनी भूख शांत करने का, कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा था| ताज्जुब की बात तो यह थी कि, कई दिनों से सिर्फ़ पत्तियों के सहारे ज़िंदा रहने वाला बंदर, किसी के घर जाकर, अनाज का एक दाना तक नहीं ले रहा था| ऐसा लग रहा था कि, उसे भी गाँव वालों की तक़लीफ़ का अंदाज़ा हो गया था और वह भी, उनके हालातों के लिए चिंतित था| एक दिन बंदर, गाँव से दूर जाकर, एक सड़क के किनारे, खड़ा हो जाता है और आने जाने वाली गाड़ियों में, खाने के लिए ताकाझांकी करने लगता है|
बंदर की हरकतें देखकर, एक व्यक्ति अपनी गाड़ी से बाहर निकलता है और बंदर के सामने, बिस्किट का पैकेट दिखाता है| काफ़ी देर तक, बिस्किट दिखाने के बाद भी, जब बंदर बिस्किट नहीं लेता तो, उस व्यक्ति को लगता है, “शायद बंदर बिस्किट के अलावा, कुछ और खाना चाहता है|” वह व्यक्ति गाड़ी के ऊपर, अपना मोबाइल रखके, अपने बैग से कुछ और खाने की चीज़ें ढूँढने लगता है लेकिन, इसी बीच बंदर, उस व्यक्ति का मोबाइल लेकर, गाँव की तरफ़ दौड़ लगा देता है| बंदर को मोबाइल लेकर भागता देख, यह व्यक्ति उसका पीछा करता है| बंदर एक एक पेड़ पर चढ़ते हुए, गाँव की तरफ़ बढ़ रहा होता है और व्यक्ति भी बंदर का पीछा करते करते, गाँव तक पहुँच जाता है| गाँव पहुँचते ही, बंदर उसका मोबाइल उसे वापस लौटा देता है| उसे समझ में नहीं आता कि, “बंदर ने ऐसा क्यों किया?” लेकिन, तभी उस व्यक्ति की नज़र, भुखमरी से मर रहे लोगों पर पड़ती है| उसे यक़ीन नहीं होता कि, जिस देश में धन दौलत की कोई कमी नहीं, वहाँ आज भी कुछ लोग, ऐसे हालातों में जीने पर मजबूर हैं| दरअसल यह आदमी बहुत अमीर और दरियादिल था| गाँव वालों की परेशानियां देखकर, वह फ़ैसला करता है कि, इस गाँव को ऐसे हालातों से, वह बाहर ज़रूर निकालेगा और देखते ही देखते, कुछ ही दिनों में, उस गाँव का माहौल ही बदल जाता है| वह व्यक्ति बड़े बड़े ट्रकों में, अनाज भरकर, गाँव के अंदर पहुँचा देता है|
गाँव वाले उस व्यक्ति की मदद पाकर, उसका शुक्रिया अदा करते हुए, पूछते हैं कि, “आपको इस गाँव की समस्या का पता कैसे चला?” तभी वह व्यक्ति, बंदर की कहानी सुनाते हुए कहता है कि, “कभी कभी इंसानों से ज़्यादा समझदार, जानवर होते हैं जो, अपने स्वार्थ से हटकर, इंसानों का भला सोचते हैं|” गाँव वालों को, जैसे ही बुद्धिमान बंदर की कहानी पता चलती हैं, वह सभी उसे अपना देवता मान लेते हैं और उसकी पूजा करने लगते हैं और मानें भी क्यों ना, आख़िर बंदर की बुद्धिमानी से, सूरजपुर गाँव की तक़लीफ़ जो ख़त्म हो चुकी थी|
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