भय का भूत (भूतिया स्कूल की कहानी)- भूत की कहानी (Bhoot ki kahani in hindi)
भूतिया स्कूल की कहानी– इस दुनिया में, भूतों को लेकर, बहुत सी कल्पनाएँ की गई है जिसे, कुछ लोग आज भी सत्य ही समझते हैं| इसी भ्रम पर आधारित भूत की कहानी, “भय का भूत” पाठकों को, दहशत के माया जाल से मुक्त करेगी| अपनी 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद, रीमा अपनी आगे की पढ़ाई के लिए, शहर के एक कॉलेज में दाख़िला लेती है| इसी कॉलेज के पास ही, एक गर्ल्स हॉस्टल था जिसका, किराया कम होने की वजह से, वहाँ कई लड़कियाँ रहती थी| हालाँकि, यह हॉस्टल हॉन्टेड माना जाता था| दरअसल तीन साल पहले, इसी हॉस्टल में काम करते हुए, एक मज़दूर की जान चली गई थी और तभी से, इस हॉस्टल में कोई न कोई, भूतिया घटना होती रहती थीं| हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों को हिदायत दी गई थी कि, रात के वक़्त सभी, अपने दरवाज़े हमेशा बंद करके ही रखें| आज रीमा का, हॉस्टल में पहला दिन था लेकिन, पहले ही दिन से, हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों ने, उससे कुछ ऐसी डरावनी बातें बतायी जिससे, उसे हॉस्टल में रहने से, डर लगने लगा लेकिन, रीमा एक सामान्य परिवार की लड़की थी और उसके परिवार की, कम आमदनी के वजह से, यहाँ रहना उसकी मजबूरी थी| हॉस्टल में रात होते ही, कुत्तों के रोने की आवाजें सुनाई देने लगती है जिससे, लड़कियों को घबराहट हो रही थी| हालाँकि पहले से रहने वाली लड़कियों को, ऐसी आवाजों की आदत थी इसलिए, उन्हें तो कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ रहा था लेकिन, रीमा रात भर जागती रहती है| अगली सुबह रीमा, अपने कमरे से बाहर निकलती है| उसे उसके कमरे के बाहर, एक डरावनी गुड़िया रखी हुई दिखाई देती है|
गुड़िया का खौफ़नाक चेहरा देखते ही, रीमा चिल्लाने लगती है| उसकी आवाज़ सुनकार, कई लड़कियाँ अपने कमरे से बाहर आ जाती है और गुड़िया देखकर, वह भी दहशत में चीखने लगती हैं| सभी लड़कियों का शोर सुनकर, हॉस्टल का चौकीदार अंदर आ जाता है| लड़कियाँ उससे पूछती है कि, “यह गुड़िया यहाँ किसने रखी|” हॉस्टल का चौकीदार कहता है, “मुझे पता नहीं, मैं तो रात भर अपनी ड्यूटी में था| मेरे सामने तो, हॉस्टल के अंदर कोई भी नहीं आया|” चौकीदार गुड़िया को उठाकर, बाहर कचड़े में फेंक देता है| रीमा का, हॉस्टल में पहला अनुभव ही डरावना था| वह किसी क़दर, अपने डर को क़ाबू में करते हुए, बाक़ी लड़कियों के साथ, अपने कॉलेज पहुँच जाती है| कॉलेज में सारा दिन, हॉस्टल की उसी गुड़िया की चर्चाएँ चल रही थी जिससे, रीमा का दिमाग़ ख़राब हो चुका था क्योंकि, वह पढ़ने आयी थी लेकिन, यहाँ उसे कुछ अलग ही माहौल मिल रहा था| कॉलेज की छुट्टी होते ही, वह अपने हॉस्टल पहुँचकर, कमरे का दरवाज़ा खोलती है| अचानक उसे, उसके बिस्तर पर, वही डरावनी गुड़िया बैठी हुई नज़र आती है| वह ज़ोर ज़ोर से, हॉस्टल की लड़कियों को आवाज़ लगाती है और जैसे ही, लड़कियाँ आकर देखती है, वहाँ कुछ भी नहीं रहता| रीमा अपनी बात में ज़ोर देते हुए कहती है, “अभी मैंने उस गुड़िया को देखा था| पता नहीं कैसे, अचानक ग़ायब हो गई|” रीमा धीरे धीरे डर के क़ाबू में आती जा रही थी| हर रात उसे, खौफ़नाक सपने आने लगते हैं| एक दिन रीमा, सुबह सुबह अपने हॉस्टल से टहलने निकलती है| उसे हॉस्टल का चौकीदार, किसी व्यक्ति से बात करते हुए दिखाई देता है लेकिन, जैसे ही उसकी नज़र, रीमा पर पड़ती है, वह व्यक्ति, वहाँ से भाग जाता है| उसे भागता देख, रीमा को चौकीदार पर श़क होता है लेकिन, वह उसे नज़रअंदाज़ करके, आगे बढ़ जाती है| कुछ देर बाद वापस आते ही, रीमा देखती है कि, चौकीदार वहाँ नहीं है लेकिन, उसका कमरा खुला हुआ है| वह चौकीदार के कमरे के अंदर घुस जाती है|
दरअसल, रीमा को लग रहा था कि, चौकीदार बाहरी लडकों को, हॉस्टल की लड़कियों की, जानकारी देता होगा| इसलिए वह, उसके बैग को चैक करती है| बैग के अंदर बहुत से पैसे रखे हुए थे| जिन्हें देखकर वह सोच में पड़ जाती है कि, “छोटी सी नौकरी में, चौकीदार ने इतने सारे पैसे, कैसे इकट्ठे कर लिए?” अचानक चौकीदार का मोबाइल फ़ोन बजने लगता है और वह, अगले ही पल अपने कमरे में आ जाता है| चौकीदार के आने से पहले, रीमा कमरे में रखी अलमारी के पीछे, छुप जाती है और चौकीदार की बात सुनने लगती है| कुछ ही देर में, उसे पता चलता है कि, “हॉस्टल में भूत की अफ़वाह, किसी के कहने पर फैलायी जा रही है और यह, वही व्यक्ति है जिससे, चौकीदार बात कर रहा है|” रीमा तुरंत चौकीदार को, रंगे हाथों पकड़ लेती है| रीमा को देखते ही, चौकीदार हक्का बक्का हो जाता है और अपने कमरे से, भागने लगता है लेकिन, रीमा के आवाज़ लगाने पर, कुछ लोग चौकीदार को दबोच लेते हैं| रीमा भीड़ के सामने, चौकीदार को ग़ुस्से से कॉलर पकड़कर पूछती है, “बताओ हॉस्टल के भूत के बारे में तुम क्या जानते हो? वरना तुम्हें पुलिस के हवाले कर देंगे|” पुलिस का नाम सुनते ही, चौकीदार के पैर कांपने लगते हैं और वह तुरंत ही हॉस्टल में, भूत की अफ़वाह फैलाने की बात क़बूल कर लेता है| चौकीदार बताता है कि, “यह हॉस्टल एक व्यापारी ख़रीदना चाहता है| जिसके लिए उस व्यापारी ने, तीन साल पहले हॉस्टल के अंदर, मज़दूर के साथ हुए हादसे का, जमकर फ़ायदा उठाया और तभी से, वह चौकीदार को पैसे देकर, आए दिन कोई न कोई डरावनी हरकतें, करवाता आ रहा है जिससे, इस हॉस्टल का नाम बदनाम हो जाए और हॉस्टल का मालिक, मजबूरी में इसे कम से कम क़ीमत में बेच दें| चौकीदार का जुर्म क़बूलते ही, वहाँ मौजूद लोग तुरंत पुलिस को बुला देते हैं| पुलिस मुख्य अपराधी को, चौकीदार की सहायता से गिरफ़्तार कर लेती है| जैसे ही हॉस्टल की लड़कियों को, नक़ली भूत की कहानी पता चलती है तो, उनकी जान में जान आ जाती है और उनका सारा डर ख़त्म हो जाता है| सभी लड़कियाँ रीमा के बहादुरी भरे कारनामें की ख़ूब तारीफ़ करती है| हॉस्टल का मालिक भी, रीमा के साहस भरे कार्य को सम्मानित करने के लिए, उसे हॉस्टल के अंदर आजीवन निःशुल्क रहने की, इजाज़त दे देता है| रीमा ने अपनी सूझ-बूझ और अकलमंदी से, लड़कियों के साथ साथ, अपना भी भय का भूत ख़त्म कर लिया था और हॉस्टल, भूतों की दुनिया से आज़ाद हो चुका था|