मजबूत (Majboot) – नई कहानियां हिंदी में (hindi motivation story in hindi):
नई कहानियां हिंदी में– इस पृथ्वी पर सभी अपने आप को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं| कोई धन से मज़बूत बनता है तो, कोई बल से| सभी में, अपने आप को श्रेष्ठ दिखाने की होड़ लगी रहती है| ऐसी भावना से ओत प्रोत यह कहानी, आप के जीवन में ज्ञान का उजाला लाएगी| रैम्बो को ऊँचे पहाड़ों में जाना बहुत पसंद था| वह एक श्रेष्ठ माउंट क्लाइंबर बनना चाहता था| वह अपने शरीर को मज़बूत बनाने के लिए घंटों व्यायाम किया करता था| रैम्बो अपने कॉलेज ट्रिप के अलावा निजी तौर पर भी, पहाड़ों की तरफ़ निकल जाया करता था और अकेले रस्सी के सहारे, पहाड़ों में चढ़ने की कोशिश करता था| एक दिन वह सुबह सुबह अंधेरे में ही, अपने शहर से दूर, कई फ़ीट ऊँची चोटी पर, चढ़ने के विचार से निकल जाता है, जिसके लिए वह पहले से ही सारी तैयारी कर चुका था लेकिन, इस ट्रिप के बारे में उसके किसी दोस्त को जानकारी नहीं थी| रैम्बो सुबह के पाँच बजते ही, उसी पहाड़ के नीचे पहुँच जाता है| मौसम काफ़ी ठंडा था| रैंबो ने ठंड के सभी कपड़े पहन रखे थे| वह पूरी व्यवस्था के साथ आया था| यह पहाड़ रैंबो की ज़िंदगी का सबसे ऊँचा शिखर बनने वाला था| अभी तक रैंबो ने इसके आधी ऊँचाई के पहाड़ भी नहीं चढ़े थे, लेकिन उसके हौसले बुलंद थे| आज वह अकेले ही, अपने सपनों की तरफ़ खिंचा चला आया था| कुछ ही पलों में अपनी तैयारी करने के बाद, रैम्बो धीरे धीरे रस्सी के सहारे, पहाड़ की चोटी की तरफ़ बढ़ने लगता है|
चारों तरफ़ से ठंडी हवा के झोंके, उसके चढ़ने में बाधा बन रहे थे लेकिन, रैम्बो पूरी मजबूती से एक एक पायदान को पार करता जा रहा था, अचानक रैम्बो के सामने एक बड़ी सी चट्टान आ जाती है, जिसकी वजह से उसे ऊपर चढ़ने में परेशानी होने लगती है, तभी वह पहाड़ के किनारे, एक छोटे से पेड़ का सहारा लेकर, ऊपर चढ़ने लगता है| जैसे ही, वह पेड़ पर अपना सारा वजन रखता है, पेड़ नीचे झुकने लगता है, जिसकी वजह से रैम्बो की पकड़ ढीली होने लगती है, लेकिन वह हिम्मत जुटाते हुए, छलांग लगाकर आगे बढ़ जाता है| रैम्बो को चढ़ते हुए दो घंटे गुज़र चुके थे| आसमान साफ़ हो चुका था और वह पहाड़ की आधी ऊँचाई तक पहुँच गया था| रैम्बो बहुत थक चुका था, इसलिए वह थोड़ी देर के लिए, उसी पेड़ पर आराम करने लगता है| वह अपने बैग से पानी निकालकर पी ही रहा होता है कि, उसके ऊपर एक बड़ा सा साँप आ जाता है| साँप को देखते ही रैम्बो ज़ोर से चिल्लाते हुए, अपना हाथ झटकता है, अचानक रैम्बो की पकड़ रस्सी से छूट जाती है और वह कई फ़ीट ऊँची पहाड़ी से, सीधा नीचे आ गिरता है| गिरने के तुरंत बाद, रैम्बो बेहोश हो जाता है| कई घंटे पड़े रहने के बाद रैम्बो को जब होश आता है तो, रात हो चुकी थी| वह चलने में पूरी तरह असमर्थ हो चुका था| उसके दोनों पैर की हड्डियां टूट चुकी थी, लेकिन वह घिसटते हुए, किसी तरह सड़क तक पहुँच जाता है और रास्ते में ज़ोर ज़ोर से अपनी मदद के लिए, लोगों को आवाज़ देने लगता है| क़िस्मत से उसी वक़्त एक लकड़ी लोड किया हुआ ट्रक गुज़र रहा होता है जो, रैंबो को ऐसी हालत में देखकर रुक जाता है| ट्रैक ड्राइवर, रैंबो को तुरंत उठाकर अपने ट्रक से हॉस्पिटल पहुँचाता है| जहाँ, रैंबो का इलाज कई दिनों तक चलता है| डॉक्टर रैम्बो को बताते हैं कि, अब तुम चल नहीं पाओगे| तुम्हें हमेशा चलने के लिए किसी और सहारे की ज़रूरत पड़ेगी| इस बात को सुनते ही, रैम्बो के सारे सपने टूट जाते हैं| रैंबो अंदर ही अंदर छटपटा रहा होता है, लेकिन उसमें इतनी भी हिम्मत नहीं होती कि, वह उठकर अपने बिस्तर पर बैठ सकें| कई महीने गुज़रने के बाद, रैंबो बैसाखी के सहारे धीरे धीरे अपने कॉलेज जाने लगता है| रैम्बो पूरी तरह बदल चुका था| अब वह अपनी सारी उम्मीदें खो चुका था| उसे लगने लगा था कि, वह अपनी ज़िंदगी में अब कुछ नहीं कर पाएगा और ऐसी अपाहिज ज़िंदगी जीने से अच्छा है, वह अपनी जान ही दे दे| एक दिन ग़ुस्से में वह, अपने शहर से दूर एक नदी के किनारे, आत्महत्या करने पहुँच जाता है, कुछ देर तक अपनी क़िस्मत को कोसने के बाद, वह नदी में छलांग लगा देता है| नदी का बहाव बहुत तेज़ था, जिसकी वजह से लहरें रैंबो को बहाते हुए, एक गाँव के किनारे तक ले आती हैं| रैम्बो अधमरी हालत में, नदी के किनारे अपनी आख़िरी सांसें गिन रहा होता है कि, उसी वक़्त एक व्यक्ति उसे देख लेता हैं| वह उसके पास आकर उसे नदी से खींच कर बाहर निकालता हैं| रैम्बो बेहोश हो चुका होता है और जब उसकी आंखें खुलती है तो, वह एक कमरे में बिस्तर पर लेटा होता है| उसे कुछ समझ में नहीं आता कि, वह कहाँ है? तभी उसके आस पास खड़े कुछ लोग उससे पूछते हैं कि, “तुम कौन हो और तुम नदी में कैसे बह गए?” रैम्बो गाँव वालों को सच नहीं बताना चाहता था, इसलिए वह उनसे झूठ कह देता है कि, गलती से उसका पैर फिसल गया और वह नदी में आ गिरा| इस गाँव के लोग पुरानी चिकित्सा पद्धति से, रैंबो का बहुत ही अच्छा इलाज कर रहे थे| उसे कुछ ही दिनों में, काफ़ी आराम महसूस होने लगा| कई दिनों के इलाज के बाद, रैम्बो कमरे के बाहर निकलता है तो, देखकर चौंक जाता है| इस गाँव में अलग ही तरह का माहौल था|
ज़्यादातर लोग शारीरिक क्षमताओं के, विकास में लगे हुए थे| कोई रस्सी से लटक रहा था तो, कोई बड़े बड़े पत्थर उठा के व्यायाम करने में लगा हुआ था| यह सब देख, रैम्बो को बहुत ख़ुशी होती है| वह लोगों से पूछता है कि, “इस गाँव में सभी लोग इतनी मेहनत का काम क्यों कर रहे हैं?” तभी एक बुजुर्ग व्यक्ति रैंबो को बताते हैं कि, “इस गाँव में आए दिन जानवरों का हमला होता रहता है, इसलिए इस गाँव के सभी बच्चे, बूढ़े और महिलाएँ शारीरिक युद्ध कलाओं में निपुण होते है|” तभी रैंबो की नज़र एक ऐसे व्यक्ति पर पड़ती है, जिसके दोनों पैर ही नहीं थे लेकिन, वह रस्सी के सहारे लटकते हुए काफ़ी ऊँचाई तक पहुँच गया था| रैम्बो ने आज तक इतने मज़बूत इरादों का व्यक्ति नहीं देखा था| वह लोगों से पूछता है कि, “इसके पैर ऐसे क्यों है?” तभी एक बुजुर्ग व्यक्ति बताते हैं कि, “एक बार शेर के हमले में उसके दोनों पैर कट गए थे लेकिन, कुछ ही महीनों के अंदर वह एक मज़बूत इंसान की तरह, हर काम करने में सक्षम हो गया, यही हमारे गाँव की मिट्टी की ताक़त है जो, हमारे इरादों को फौलाद से भी मज़बूत बनाती है| हम सभी को बचपन से ही योद्धा की तरह तैयार किया जाता है|” ये बातें सुनकर रैम्बो का हौसला बढ़ने लगता है| उसे ऐसा लगने लगता है कि, जैसे इस गाँव के लोग ही, उसके जीवन का मार्गदर्शन कर सकते हैं| तभी रैम्बो अपनी पूरी सच्चाई उनके सामने रख देता है| रैम्बो की बात सुनकर, गाँव के लोगों को उससे हमदर्दी होती है और वह रैंबो से वादा करते हैं कि, तुम फिर से अपने सभी मुक़ाम हासिल करने लायक मज़बूत बनोगे| बस तुम्हें हमारे गाँव की परम्पराएँ निभानी होंगी, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है कि, तुम किसी को दिखाने के लिए, अपने शरीर को मज़बूत नहीं बनाओगे, बल्कि लोगों की रक्षा के विचार से मेहनत करोगे, तभी तुम्हें अंदर से हिम्मत आएगी, क्योंकि जब तुम दिखावे के लिए जीते हो, तब तुम आंतरिक तौर पर कमज़ोर रह जाते हो और बाहरी दिखावा, थोड़ी सी परेशानी होते ही, तुम्हें अंदर से तोड़ देता है और तुम अपने लक्ष्यों से भटक जाते हो| तुम्हें दूसरों को नहीं, बल्कि अपने अतीत की कमज़ोरी को, हराना है| तभी तुम एक मज़बूत इंसान बनोगे, फिर तुम्हारे सामने दुनिया का कोई भी ऊँचे से ऊँचा पहाड़, टिक नहीं पाएगा|” इतनी हिम्मत भरी बातें सुनकर, रैम्बो की आँखों में एक सकारात्मक चमक आ जाती है और वह हाथ जोड़कर, गाँव के लोगों को अपना गुरू स्वीकार करता है और ज़िंदगी की नई दिशा में प्रवेश कर जाता है|
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