बच्चों की ऐसी मजेदार कहानियां (Majedar kahani) जिनसे उन्हें प्रेरणा मिलेगी एक जंगल में छोटा सा तालाब था। उस तालाब में बहुत से जीव रहते थे। उन्हीं में से एक सुनहरी मछली सब के बीच रहती थी। लेकिन सुनहरी मछली अपने रंग की वजह से सबसे अलग थी, और वह उस तालाब में अकेली थी, जो इतनी सुंदर और अनोखी थी। उसकी सुंदरता ही कई बार उसे पसंद नहीं आती थी, क्योंकि उसके सुंदर रूप कारण सभी जीव जंतु उसे घमंडी समझते थे, और कोई भी उससे दोस्ती नहीं करता था। एक बार सुनहरी मछली सुबह सुबह तालाब के किनारे पानी में खेल रही थी। तभी एक सुनहरा मेंढक तालाब के किनारे आकर बैठ गया।
सुनहरी मछली
एक दिन मेंढक तालाब के किनारे सो रहा होता है। अचानक ऊपर से एक बाज़, मेंढक की तरफ बहुत तेज़ी से उड़ता हुआ आ रहा होता है, और मछली की नज़र बाज़ पर पड़ जाती है, और मछली अपने मुँह से पानी मेंढक के ऊपर फेकती है, और मेंढक की आँख खुल जाती है तभी वह अपने ऊपर आते हुए बाज़ को देख लेता है |
Image by google.comतभी वह जल्दी से पानी के अंदर छलांग लगा देता है, और मछली की समझदारी से, मेंढक की जान बच जाती है। अगर मछली न होती तो आज मेंढक बाज़ का शिकार बन गया होता है। मेंढक, मछली का धन्यवाद करता है। और इस घटना के बाद दोनों में बहुत गहरी दोस्ती हो जाती है। एक दिन अचानक मछली की तबीयत बिगड़ने लगती है। उसका सारा शरीर काला पडने लगता है, तभी मेंढक को यह बात पता चलती है, और मेंढक अपनी दोस्त को ठीक करने के लिए जंगल में जाकर औषधियों की जानकारी के लिए गिलहरी से मिलता है।Image by google.comगिलहरी उसे कुछ ऐसी पत्तियाँ देती है, जो मछली के स्वास्थ्य को एकदम ठीक कर सकेंगी। मेंढक ख़ुशी ख़ुशी उन पत्तियों को अपने मुँह में दबाकर उछलते हुए तालाब के किनारे पहुँच जाता है, और मछली को वह पत्तियाँ दे देता है। मछली जैसे ही उन पत्तियों को खाती है, तो उसका सुनहरा रंग वापस आने लगता है, और वह दोबारा अपने वास्तविक रूप में आ जाती है |image by google.com
और मेंढक को पानी में उछाल का सैल्यूट देती है, और कहती है तुम मेरे सच्चे दोस्त हो। तुम हमेशा मेरे साथ रहना और दोनों साथ तालाब की गहराइयों में सैर के लिए निकल जाते हैं।