सर्कस – मजेदार स्टोरी इन हिन्दी (Sher aur Chuha ki Kahani in hindi):
मजेदार स्टोरी इन हिन्दी– शेर और चूहे की कहानी (Sher aur Chuha ki Kahani) बच्चों को बहुत पसंद आती है| एक ऐसी ही कहानी, सर्कस के शेर की है| एक बहुत ही पुराना सर्कस था जिसमें, कई जानवर अपना करतब दिखाया करते थे| उन्हीं के बीच में, एक बूढ़ा शेर भी था| दरअसल इस शेर को, सर्कस का मालिक, एक दूसरे बंद हो चुके, सर्कस से लाया था| शेर बूढ़ा होने की वजह से, करतब दिखाने में सक्षम नहीं था लेकिन, इसके बावजूद, यहाँ उसे छड़ी से मारकर, करतब दिखाने के लिए, मजबूर किया जाता था| एक दिन शेर, अपने पिंजरे में उदास बैठा होता था| तभी एक चूहा, उसके ऊपर चढ़ जाता है| शेर बहुत भूखा और कमज़ोर था| उसकी इतनी हिम्मत भी नहीं थी कि, वह चूहे को, अपने ऊपर से हटा सके हालाँकि, चूहा उसे कोई नुक़सान नहीं पहुँचा रहा था| चूहा, शेर के साथ खेलना चाह रहा था| कुछ देर तक तो, वह शेर के सामने उछलकूद कर रहा था लेकिन, जैसे ही, शेर के पिंजरे में, सर्कस का मालिक आता है, उसे देखकर चूहा, वहाँ से भाग जाता है| सर्कस का मालिक, शेर को छड़ी मारकर उठाता है| शेर की हिम्मत, हिलने तक की नहीं थी लेकिन, छड़ी की मार से, शेर खड़ा हो जाता है| चूहा छुपकर, यह नज़ारा देख रहा होता है| कुछ देर तक तो चूहा, शेर को, सर्कस के मालिक के हाथों, पिटते देखता है लेकिन, जैसे ही, शेर दर्द से चिल्लाने लगा तो, चूहे को, बहुत ग़ुस्सा आया|
चूहा बहुत बहादुर था, उसने शेर को मार से बचाने के लिए, मालिक के पैर में, ज़ोर से काट लिया और भागकर छुप गया| सर्कस का मालिक, शेर के पिंजरे से, अपनी छड़ी छोड़कर भागता है| चूहे ने सर्कस के मालिक को, घायल कर दिया था| उसे भागते देख, सर्कस के कर्मचारी, मालिक से इस चोट का कारण पूछते हैं| तभी वह ग़ुस्से में, चिल्लाकर सभी से कहता है, “जाओ, जाकर ढूंढ़ो, शेर के पिंजरे में, एक बदमाश चूहा छुपा हुआ है| उसी ने मुझे काटा है|” सर्कस के कर्मचारी, चारों तरफ़ चूहे को ढूंढने में लग जाते हैं लेकिन, चूहा किसी के हाथ नहीं आता| इस घटना के कुछ दिनों बाद, सर्कस में खेल का आयोजन किया जाता है जिसमें, शेर को एक करतब दिखाने के लिए, तैयार किया गया था| शेर को रस्सी से बांधकर, दर्शकों के बीच लाया जाता है| कमज़ोरी के कारण, शेर के पैर काँप रहे थे| दर्शकों की आवाज़, उसे परेशान कर रही थी| दरअसल, उसका शरीर बूढ़ा हो चुका था| वह अब, करतब दिखाने की हालत में नहीं था लेकिन, सर्कस का मालिक लालची था| वह जानवरों पर बहुत अत्याचार करता था| वह पैसों के लिए, जानवरों को कष्ट देने से भी, बाज नहीं आता था लेकिन, आज चूहे ने, सर्कस के मालिक को, सबक़ सिखाने की ठान ली थी| सर्कस का मालिक, करतब दिखाते हुए, दर्शकों के सामने, अभिनय कर रहा होता है| उसी बीच चूहा, धीरे धीरे शेर की रस्सी काटने में लग जाता है और जैसे ही, सर्कस का मालिक, शेर की रस्सी पकड़कर खींचता है, रस्सी टूट जाती है| अचानक, सभी दर्शक घबरा जाते हैं| रस्सी टूटने के बाद भी, शेर शांत बैठा होता है लेकिन चूहा, शेर के पीठ पर बैठकर, उसे उकसा देता है जिससे, शेर भागने लगता है|
शेर को भागता देख, दर्शकों की भगदड़ मच जाती है| इस घटना में कुछ दर्शक, घायल हो जाते हैं लेकिन, शेर ज़्यादा उत्पात मचा पाता, उससे पहले ही, उसे वन विभाग के सदस्यों द्वारा, पकड़ लिया जाता है| इस घटना की वजह से, सर्कस के मालिक का लाइसेंस रद्द हो जाता है और उसके सारे जानवरों को, सर्कस से निकाल कर, जंगल के एक विशाल, “वन्यजीव संरक्षण केंद्र” में सुरक्षित भेज दिया जाता है| वहाँ पहुंचकर सभी जानवर, बहुत ख़ुश होते हैं| शेर को, उसकी तक़लीफ़ से भरी ज़िंदगी से, आज़ादी मिल चुकी थी| शेर मन ही मन, चूहे को याद कर रहा था लेकिन, चूहा शेर से हमेशा हमेशा के लिए बिछड़ चुका था|
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