परियों की दुनिया – जादू की परी की कहानी (New pari ki kahani story) hindi angels stories with moral:
बच्चों को जादू की परी की कहानी पढ़ने में सबसे ज़्यादा मज़ा आता है| कहानियाँ सिर्फ़ मनोरंजन का प्रतीक ही नहीं बल्कि, ज्ञान का आधार होती हैं| ऐसी ही कई कहानियाँ इस वेबसाइट पर उपलब्ध हैं जो, आपको आनंदित करेंगी| यह कहानी परियों की दुनिया की है| जहाँ बहुत सी ख़ूबसूरत परियां रहती थी| उन्हीं परियों में कई छोटी छोटी परियाँ भी थीं जिन्हें, बच्चों की तरह खेलना पसंद था| ज़्यादातर समय वह आसमान में अपने पंखों के सहारे उड़ते हुए, अपना दिन बिताया करती थी| एक दिन छोटी परियों का समूह उड़ता हुआ, इन्सानों के शहर पहुँचा| परियों ने इन्सानों के बच्चों को कई तरह की चीज़ें खाते हुए देखा| जिन्हें देखकर परियों के मुँह में भी पानी आने लगा| परियाँ नादान थी| वह अपने पंखों को छुपाकर, इंसानी बच्चों के बीच में पहुँच गई और उनसे खाने के लिए, चॉकलेट माँगने लगी| सभी परियाँ बहुत ही ख़ूबसूरत दिख रही थी| वहाँ मौजूद कुछ लोगों ने, उन्हें चिप्स चॉकलेट और आइसक्रीम दे दी| छोटी छोटी परियाँ बड़े स्वाद से, आइसक्रीम और चॉकलेट खाने लगी और चिप्स के पैकेट लेकर, अपनी दुनिया लौट गई| वहाँ पहुँचकर उन्होंने, बड़ी परियों को चिप्स का पैकेट देते हुए, चॉकलेट और आइसक्रीम के स्वाद का गुणगान शुरू कर दिया|
परियों ने अपनी बच्चियों को समझाते हुए कहा, “तुम लोगों को प्रकृति से प्राप्त शाकाहारी चीज़ों को ही खाने की इजाज़त है| तुम लोगों को इन्सानों के द्वारा निर्मित, किसी भी वस्तु का सेवन नहीं करना चाहिए था| तुम्हें अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए|” छोटी छोटी परियां अपनी माँओं की डांट सुन कर रोने लगती है| दरअसल उन्हें पहली बार, इतनी स्वादिष्ट वस्तुएँ खाने को मिली थी| छोटी परियों ने अपनी माँ के समझाने के बावजूद भी इंसानों की वस्तुएँ खाना नहीं छोड़ा| छोटी परियां रोज़ाना नज़रें बचाकर निकल जाती और इंसानों के पास पहुंचकर, चॉकलेट माँग कर ले आतीं| धीरे धीरे छोटी परियों को चॉकलेट की आदत लग गई| एक दिन कुछ परियों के पेट में अचानक दर्द होने लगा, अपनी बच्चियों को दर्द में तड़पता देख, बड़ी परियाँ घबरा गई| उन्होंने प्राकृतिक जड़ी बूटियों से, उनका इलाज करने का प्रयास किया लेकिन, बच्चियों की तबियत बिगड़ती ही जा रही थी|
तभी एक परी ने कहा कि, इंसानों की वस्तुएँ खाने से बीमारी उत्पन्न हुई है तो, इलाज भी इन्सानों के पास ही मिलेगा| बस फिर क्या था, सभी परियाँ साधारण रूप बनाकर, अपनी बच्चियों के साथ, इंसानों के बीच पहुँच गई और अपने बच्चियों को बचाने के लिए, कई जगह पहुँच कर मदद माँगने लगी| तभी कुछ लोगों ने, उन्हें डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी| डॉक्टर परियों को देखते ही समझ गया कि, यह इन्सान की बच्चियां नहीं है| परियों ने डॉक्टर के सामने हाथ जोड़कर, अपनी पहचान छुपाने को कहा| डॉक्टर समझदार था| उसने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए, सभी परियों का इलाज किया और भविष्य में भी ज़रूरत पढ़ने पर, उनका निःशुल्क इलाज का आश्वासन देकर, उन्हें घर भेज दिया| घर आते ही, कुछ ही घंटों के अंदर, डॉक्टर्स की दवा ने असर दिखाना शुरू कर दिया और सभी परियों की हालत में सुधार आने लगा लेकिन, ताज्जुब की बात तो यह थी कि, ठीक होते ही छोटी परियां, फिर से चॉकलेट खाने की ज़िद करने लगी| बड़ी परियों के कई बार समझाने पर भी, छोटी परियों ने अपनी ज़िद के चलते, चॉकलेट लाने पर मजबूर कर दिया और फिर क्या था, परियों की दुनिया भी फँस चुकी थी, बीमारियों के भँवर जाल में| जिससे निकल पाना परियों के बस में नहीं था| धीरे धीरे परियों ने, इंसान के बनाए हुए आर्टिफिशियल फ़ूड की आदत डाल ली थी और डॉक्टर्स के यहाँ जाना, उनकी मजबूरी बन चुकी थी| आज परियों की दुनिया भी, इन्सानों की तरह प्राकृतिक वस्तुओं से दूर, मानव निर्मित वस्तुओं पर आधारित हो चुकी है और इसी के साथ कहानी ख़त्म हो जाती है|
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जादू की परी की कहानी (New pari ki kahani story)