चालाक चिड़िया (Chalak chidiya)- भूखी चिड़िया की कहानी motivational story in hindi for kids:
चिड़िया की कहानियाँ बच्चों के लिए मनोरंजक होतीं हैं| चालाक चिड़िया (Chalak chidiya) एक ऐसी मनमोहक कहानी है जो, बच्चों को उनके मानवीय गुणों से, परिचित कराएगी| एक गाँव में नदी के किनारे एक खेत था जहाँ एक किसान रहता था और नदी की दूसरी तरफ़ एक पेड़ था, जहाँ बहुत से पक्षी रहते थे| उन्हीं पक्षियों में, एक चालाक चिड़िया भी थी जो, सभी पक्षियों का नेतृत्व करती थी| हर साल किसान अपने खेतों में अनाज बोता लेकिन, पक्षी कुछ दाने खा जाया करते जिससे, किसान की पैदावार में कमी हो जाती| किसान ने पक्षियों से परेशान होकर, उन्हें पकड़ने की योजना बनायी और खेत में जाल बिछाकर बैठ गया| चालाक चिड़िया, उस वक़्त कुछ पक्षियों के साथ, दूसरे खेत भ्रमण करने गयी हुई थी| किसान ने जाल के बीच में, अनाज के दाने डाल दिए थे जिसे, खाने के चक्कर में, वहाँ मौजूद पक्षी एक एक करके, फँसते चले जा रहे थे| देखते ही देखते, वह अपनी चाल में क़ामयाब होने लगा| किसान ने खेत के आस पास के ज़्यादातर पक्षियों को, अपनी टोकरी में क़ैद कर लिया और बदले की भावना से, उसने सभी पक्षियों को, गाँव से कोसों दूर ले जाकर, एक जंगल में छोड़ दिया और वापस आकर, अपने खेतों में फ़सल बोने लगा| चालाक चिड़िया, अपने साथी पक्षियों के अचानक, ग़ायब हो जाने से चिंतित थी| चिड़िया ने अपने मीठे स्वर से, ज़ोर ज़ोर से आवाज़ लगाना शुरू कर दिया| उसकी आवाज़ सुनते ही, आस पास मौजूद, बचे हुए पक्षी, इकट्ठे हो गए|
चिड़िया ने सभी पक्षियों को, आगाह करते हुए कहा, “इस इंसान ने हमारे सभी साथियों को पकड़कर, कहीं दूर भेज दिया है और बचे हुए पक्षियों को भी, फँसाने के लिए जाल बिछाया है इसलिए, हमें यह इलाक़ा छोड़कर, अपने साथियों के पास जाना होगा लेकिन, हम नहीं जानते कि, इसने हमारे साथियों को कहाँ भेजा है इसलिए, हमें इसका पता लगाना होगा|” चालाक चिड़िया ने, कुछ पक्षियों को किसान के जाल में फँसने के लिए, जानबूझकर भेज दिया और जैसे ही किसान, उन्हें अपनी टोकरी में डालकर ले जाने लगा, चालाक चिड़िया भी, बाक़ी पक्षियों के साथ, उसके पीछे पीछे उड़ने लगी| किसान अपनी मोटरसाइकिल से, उसी जंगल पहुँचता है जहाँ, वह पहले भी पक्षियों को छोड़ने आया था| यहाँ पहुँचते ही, वह अपनी टोकरी खोल देता है| टोकरी खुलते ही, कैद पक्षी हवा में उड़ने लगते हैं| चालाक चिडिया को, हवा में उड़ रहे पक्षी पहचान लेते हैं और उसके पास आकर, उड़ने लगते हैं| जंगल में पहले से मौजूद पक्षी चालाक चिड़िया से बताते हैं कि, “उन्हें इस जंगल में बहुत अच्छा लग रहा है और यहाँ, खाने की भी कोई कमी नहीं है|” चालाक चिड़िया, अपने साथियों से मिलकर बहुत ख़ुश थी| उसने तय किया कि, “अब वह किसान के खेत पर वापस लौट कर कभी नहीं जाएगी” और अगले ही पल चिड़िया, अपने दोस्तों के साथ जंगल की हरियाली के बीचों-बीच, फुदकने लगी| किसान सारे पक्षियों को जंगल भेजकर बहुत ख़ुश था| उसे लग रहा था कि, “अब उसकी फ़सल को कोई नुक़सान नहीं पहुँचाएगा” लेकिन, उसका भ्रम टूट गया जब, उसने अपनी फ़सल की पैदावार देखी| फ़सलों को कीड़ों ने नष्ट कर दिया था| किसान को कुछ समझ में ही नहीं रहा था क्यों कि, इस बार उसकी फ़सल, हर बार से ज़्यादा बर्बाद हुई थी| वह रोते हुए, गाँव के ही एक अनुभवी बुजुर्ग किसान के पास पहुँचा और वहाँ, अपने खेत की दुर्दशा बयान करने लगा| बूढ़ा किसान हंसते हुए बोला, “तुमने अपने खेत के रक्षकों को ही हटा दिया तो, कीड़ों से तुम्हारे खेत को, भला कौन बचाता?
किसान ने रोते हुए कहा, “मैं आपकी बात समझा नहीं|” तभी बुजुर्ग किसान ने उसे समझाते हुए कहा कि, “इस प्रकृति में मौजूद पशु-पक्षी, जीव-जन्तु मानवीय तंत्र को, जीवित रखने के लिए अनिवार्य हैं| जिन पक्षियों को तुमने क़ैद करके, अपने खेत से दूर भेज दिया वही पक्षी, तुम्हारी फसलों को, कीड़ों से बचाते थे| तुमने पक्षियों को खेत से हटाकर, प्रकृति का नियम तोड़ा है जिसकी सजा तो, तुम्हें मिलनी ही थी| अब तुम्हारा एक ही प्रायश्चित है| दोबारा पक्षियों को बुलाने के लिए, अपने खेत में कुछ फलों के पेड़ लगाओ जिससे, पक्षी पुनः तुम्हारे खेत के आस पास पहुँच सकें और आगे से, कीड़ों से तुम्हारे फसलों की सुरक्षा हो सके| किसान को अपनी मूर्खता से बहुत पछतावा हो रहा था| वह जंगल से सभी पक्षी तो वापस नहीं ला सकता लेकिन, उसने अपने खेत के आस पास, पक्षियों के लिए कई घोंसलों का निर्माण कर दिया और पक्षियों के आने का इंतज़ार करने लगा| इसी के साथ यह कहानी ख़त्म हो जाती है|
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