Hindi story kids | नन्ही मछली | स्टोरी इन हिंदी फॉर चाइल्ड (machli ki kahani):
स्टोरी इन हिंदी फॉर चाइल्ड– ये एक नन्ही मछली की कहानी (Hindi story kids) है, जो अपने परिवार के साथ समुद्र के अंदर तैर रही होती है और तैरते हुए वह अपने परिवार के साथ काफ़ी आगे निकल जाती है | यह समुद्री दुनिया नन्ही मछली के लिए एक अलग ही होती है, क्योंकि वह पहली बार इतनी ख़ूबसूरत समुद्री नज़ारे को देख रही थी | वह ख़ुशी से पानी में गोते लगा रही थी, तभी अचानक एक बड़ी सी मछली, नन्ही मछली के पूरे परिवार पर हमला करती है और कुछ मछलियों को निगल जाती है | सभी मछलियाँ अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर पानी में भागने लगती है और इसी हादसे में नन्ही मछली अपने परिवार से अलग हो जाती है और वह ऐसी अनजान दुनिया में फँस जाती है, जिसके बारे मैं उसको कोई जानकारी नहीं थी | वह दुखी होकर रोने लगती है और उसे रोता देख एक कछुआ उसके पास आ जाता है और उससे उसके रोने का कारण पूछता है और मछली रोते हुए अपना दुख बयान कर देती है | तभी कछुआ उसे कहता है, ये जगह बहुत ख़तरनाक है |
यह देखने में जितनी ख़ूबसूरत लग रही है, उतने ही ख़ूँख़ार जीव इस पानी में रहते हैं | जब तक तुम्हारे परिवार की कोई मछली नहीं मिलती तब तक तुम मेरे साथ रहो | हम दोनों मिलकर, उनकी तलाश करेंगे कुछ न कुछ ज़रूर पता चलेगा | नन्ही मछली, कछुए के साथ जाने को तैयार हो जाती है क्योंकि इस जगह पर उसका कोई अपना नहीं है | उसे किसी को तो सहारा बनाना ही पड़ेगा | नन्ही मछली और कछुआ दोनों धीरे धीरे तैरते हुए समुद्र की सतह पर आ जाते हैं | नन्ही मछली अपने परिवार के ग़म को थोड़ा भूलकर कछुए के साथ घुल मिल जाती है और वह उसे अपना अच्छा दोस्त समझने लगती है | कछुए को लगता है, कि मछली के परिवार के बाक़ी सदस्य समंदर के दूसरी तरफ़ गए होंगे, क्योंकि समंदर का बहाव उसी दिशा में अधिक रहता है और वह नन्ही मछली से उसी दिशा में आगे बढ़ने के लिए कहता है | लेकिन यह रास्ता खतरों से भरा हुआ था, क्योंकि यहाँ बहुत बड़े बड़े पानी के जीव रहते हैं, जो कि हर क्षण किसी न किसी मछली को अपना भोजन बना लेते हैं, लेकिन नन्ही मछली हिम्मत दिखाते हुए आगे बढ़ती रहती है और कछुआ भी तालमेल बनाए रखता है | लेकिन अचानक एक छोटा सा मगरमच्छ कछुये की तरफ़ मुँह खोलकर बढ़ता है | तभी नन्ही मछली मगरमच्छ का ध्यान भटका कर, उसे अपने पीछे बुला लेती है और अगले ही पल मगरमच्छ नन्ही मछली के पीछे पड़ जाता है |
नन्ही मछली फुर्ती के साथ समुद्री सतह में बड़े से शंख के अंदर घुस जाती है और अपनी जान बचा लेती है | मगरमच्छ दूसरी दिशा की ओर मुड़ जाता है और मछली की समझदारी से कछुआ भी बच जाता है | कछुआ मछली को आकर धन्यवाद देता है और उसे अपने साथ आगे चलने को कहता है | दोनों हिम्मत दिखाते हुए आगे बढ़ते रहते हैं, अचानक नन्ही मछली को आभास होता है, कि उसके परिवार के सदस्य आस पास ही है, क्योंकि उन मछलियों के शरीर से निकलने वाला तरल पदार्थ, वहाँ के पानी में मौजूद होता है, जिसकी वजह से नन्ही मछली को पता चल जाता है और वह कछुए से कहती है, “जल्दी चलो, वो यहीं कहीं होंगे” तभी कछुए की नज़र नन्ही मछली की तरह दिखने वाली बाक़ी मछलियों पर पड़ती है और उसे लगता है, ज़रूर यह इसी का परिवार है | लेकिन वह नन्ही मछली को, दूसरी दिशा की ओर भटका देता है | दरअसल कछुआ भी अकेला है और वह अपनी सबसे अच्छी दोस्त को खोना नहीं चाहता और थोड़ी ही आगे चलकर नन्ही मछली को एहसास हो जाता है, कि यह रास्ता तो ग़लत है, क्योंकि पानी में मिला हुआ तरल पदार्थ उस दिशा में मौजूद नहीं होता, जहाँ कछुआ लेकर जा रहा होता है | तभी नन्ही मछली को कछुये पर श़क होता है |
और कछुए से पूछती है तुम मुझे ग़लत दिशा में तो नहीं ले जा रहे हो और कछुआ अपना मुँह छुपाने लगता है | मछली को सारी बात समझ में आ जाती है और वह कछुये को ज़ोर से डांटती है और वही दुखी हो जाता, क्योंकि कछुआ किसी ग़लत इरादे से यह हरकत नहीं कर रहा था, बल्कि वह तो मछली का साथ चाहता था | लेकिन मछली को नाराज़ देख वह दुखी हो जाता है और नन्ही मछली से बता देता है, कि “तुम्हारा परिवार दूसरी दिशा में हैं, चलो मैं तुम्हें उनके पास ले चलता हूँ” और थोड़ी ही दूर चलते नन्ही मछली ख़ुशी से दौड़ पड़ती है | क्योंकि उसकी नज़र उसकी बड़ी बहन पर पड़ जाती है | परिवार के बचे हुए सदस्य नन्ही मछली को देखकर बहुत ख़ुश होते हैं और सभी एक साथ अपनी जगह पर वापस जाने लगते हैं | कछुआ उदास मन से वहीं तैर रहा होता है, तभी नन्ही मछली, पलटकर उसके पास आती है और उसे अपने घर आने को आमंत्रित करती है | कछुआ नन्ही मछली को ख़ुश देखना चाहता है, इसलिए मछली को अलविदा कह देता है और समुद्र की गहराइयों में खो जाता है और समुद्री जीवों के रिश्तों की मनोरम कहानी का अंत हो जाता है |