अनुभव (Anubhav) – Prem Kahani

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अनुभव (Anubhav) – स्कूल की कहानी लव स्टोरी
Prem Kahani (Moral Story of love)

स्कूल की कहानी लव स्टोरी– ये कहानी एक लड़के के प्यार की है, जिसके रूहानी अनुभव ने उसकी ज़िंदगी में ज़बर्दस्त बदलाव कर दिये| रोहित शहर के एक बड़े कॉलेज में दाख़िला लेता है| रोहित के पिताजी का नाम शहर के नामी लोगों में शुमार था, जिस वजह से रोहित ने अपनी ज़िंदगी में कभी ग़रीबी नहीं देखी थी| हालाँकि वह काफ़ी समझदार था| वह कभी अपने पिता की दी हुई छूट का नाजायज़ फ़ायदा नहीं उठाता था, लेकिन रोहित इस बात से ज़रूर दुखी रहता था कि, उसके पिताजी उसे समय नहीं दे पाते थे| रोहित की माँ बचपन में ही उसे छोड़कर चली गई थी, जिससे उसकी ज़िंदगी में एक अकेलापन हमेशा बना रहता था| रोहित के पास सुविधाओं के नाम पर अच्छी गाड़ी, अच्छा घर, यहाँ तक कि, अच्छे पैसे भी थे, लेकिन इन सबसे हटकर उसे समझने वाला कोई नहीं था| वह धीरे धीरे निराशा की तरफ़ खींचता चला जा रहा था| एक दिन वह अपनी कक्षा में उदास बैठा था, तभी अचानक एक लड़की के अंदर दाख़िल होने से, रोहित को एक अजीब सा अनुभव होता है| रोहित ने कभी ऐसे अनुभव की कल्पना नहीं की थी| रोहित को समझ में नहीं आ रहा था कि, यह क्या है रोहित की नज़र उस लड़की से हट ही नहीं रही थी| उसे ऐसा लग रहा था, मानो कक्षा में सिर्फ़ रोहित और वह लड़की है| रोहित अचानक, अपनी कुर्सी से खड़ा होकर उस लड़की को अपनी कुर्सी में बैठने का इशारा करता है| कक्षा में मौजूद सभी विद्यार्थी यह देखकर, रोहित का मज़ाक उड़ाने लगते हैं और वह लड़की रोहित को अजीब समझ कर नज़रअंदाज़ कर देती है और जाकर एक जगह बैठ जाती है| इसी दौरान शिक्षक कक्षा में पहुँचते हैं| सभी बच्चें शिक्षक को देखकर खड़े हो जाते हैं, लेकिन रोहित की नज़र उसी लड़की पर टिकी होती है| शिक्षक रोहित को कई बार आवाज़ लगाते हैं, लेकिन रोहित को कुछ सुनाई नहीं देता| तभी वह एक चाक उठाकर रोहित के चेहरे पर मारते हैं अचानक, रोहित का ध्यान शिक्षक पर आ जाता है| सभी छात्र छात्राएँ रोहित को देखकर हँस रहे होते हैं| वह शर्म से पानी पानी हो जाता है| उसे लगता है कि, उसकी हरकत सभी ने देख ली है| रोहित सर नीचे करके अपनी जगह बैठ जाता है|

अनुभव
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कक्षा ख़त्म होने के बाद, सभी बच्चे बाहर निकल जाते हैं, लेकिन रोहित कक्षा में बैठकर, उस लड़की के प्यार के अनुभव में खोया हुआ था| कॉलेज का चपरासी इस कक्षा का दरवाज़ा बंद करने आता है और वह रोहित को बैठा हुआ देख, उसे बाहर जाने को कहता है| रोहित गुमसुम सा खोया हुआ, अपने घर पहुँच जाता है| रोहित को उस लड़की से पहली ही नज़र में प्यार हो चुका था| अगले दिन, रोहित एक घंटे पहले ही कॉलेज पहुँच जाता है और उसी लड़की का इंतज़ार करने लगता है| कुछ समय गुज़रते ही, वह लड़की कॉलेज के गेट से दाख़िल होती है| रोहित फिर उसके अनुभव में डूब जाता है| रोहित अपनी ही कल्पना मे, उसे अपनी प्रेमिका के रूप में देखना शुरू कर चुका था| काफ़ी देर बाद रोहित कक्षा के अंदर पहुँचता है और जैसे ही वह उस लड़की की तरफ़ देखता है, वह मुस्कुरा रही होती है| रोहित को ऐसा लगने लगता है कि, जैसे वह भी उसे पसंद करने लगी है| रोहित की हिम्मत बढ़ जाती है| रोहित उस लड़की के बाजु बाली लाइन में जाकर बैठ जाता है और देखते ही देखते पूरे विषय के पीरियड समाप्त हो जाते हैं, लेकिन रोहित उसी लड़की के अनुभव में डूबा रहता है| दूसरे दिन भी वही होता है| चपरासी दरवाज़ा बंद करते समय रोहित को बाहर जाने को कहता है, लेकिन इस बार वह रोहित को सलाह देता है कि, तुम जिसके ख्याल में हों, एक बार उससे जाकर अपने दिल की बात कह दो| रोहित को चपरासी की बात ठीक लगती है, लेकिन रोहित अपने प्यार के इज़हार की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था| कुछ दिन के बाद रोहित की हालत दिन प्रतिदिन ख़राब होने लगी| वह अपने निजी जीवन में परेशान रहने लगा| उसे सारा दिन उसी लड़की का ख़्याल आने लगा| एक दिन उसने ठान लिया कि, अब आर या पार की बात करनी होगी, लेकिन उसे यह डर था कि, अगर उस लड़की ने रोहित के प्यार को ठुकरा दिया तो, उसका क्या होगा? उसने उस लड़की को अपने दिल में जगह दे दी थी| वह हिम्मत जुटाकर कॉलेज पहुँच जाता है| काफ़ी देर तक इंतज़ार करने के बाद, जैसे ही वह लड़की गेट में दाख़िल होती है| वह उसके सामने गुलाब का फूल लेकर खड़ा हो जाता है और लड़की की तरफ़ अपना हाथ बढ़ा देता है|

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लड़की को कुछ समझ में नहीं आता| वह सोचने लगती है कि, अचानक ये मुझे गुलाब का फूल क्यों दे रहा है और अगले ही पल रोहित, हिचकते हुए उसे प्रपोज़ कर देता है| रोहित का प्रपोज़ल सुनते ही, लड़की खिलखिलाकर हसने लगती है| रोहित लड़की के चेहरे पर हँसी देखकर भ्रमित हो जाता है और पूछता है, “तुम्हारी हँसी को मैं क्या समझूँ, क्या तुम मुझे खुलकर अपना जवाब दे सकती हूँ?” तभी लड़की ने उसे कहा, “तुम्हें पता है, मैं कौन हूँ?” रोहित आश्चर्य भरी निगाहों से देख रहा था| तभी लड़की ने बताया कि, “मैं एक लेस्बियन हूँ और मुझे लड़कों में कोई रुचि नहीं है| मैं तुम्हारा प्यार क़बूल नहीं कर सकती|” यह बात सुनते ही, रोहित के पैरों तले ज़मीन खिसक जाती है| वह ग़ुस्से में उस लड़की को कहता है कि, “तुम झूठ बोल रही हो| तुम मेरी तरफ़ देखकर मुस्कुराती थी, फिर वो क्या था?” लड़की ने जवाब देते हुए कहा, “मैं तुम्हें नहीं तुम्हारे पीछे बैठी, एक लड़की को देखकर मुस्कुराती थी| दरअसल वह मुझे बहुत पसंद है और मैं उसी से प्यार करती हूँ, लेकिन मेरा ऐसा रिश्ता वह कभी मंज़ूर नहीं करेगी, इसलिए मेरी उससे बात करने की हिम्मत, कभी नहीं हुई|” रोहित के सपने टूट चुके थे| उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं, जिसे देखकर लड़की उसे दिलासा देते हुए कहती है कि, “तुम्हें जीवन में अपने अनुभवों को गहराई से समझना होगा क्योंकि, हम जैसा सोचते हैं, हमारे दिल में लोगों की वैसी ही कल्पना बन जाती है और वह कल्पना हमेशा ग़लत ही होती है, इसलिए किसी को सिर्फ़ देखकर प्यार नहीं किया जा सकता| पहली नज़र में प्यार ही सबसे बड़ा भ्रम है| आंखें हमेशा धोखा देती है और अनुभवों की बुनियाद पर बने रिश्ते, खोखले हो जाते हैं, जिसका अंजाम बुरा होता है| तुम्हें अपने अनुभव के लिए सजग रहना होगा और कल्पनाओं से बाहर आना होगा, तभी तुम दुनिया में सच देख पाओगे और एक सच्चा जीवन साथी बना पाओगे| रोहित को अपनी गलती का एहसास हो चुका था| उसने आज ज़िंदगी का महत्वपूर्ण ज्ञान प्राप्त किया था, जिसे वह कभी नहीं भूल सकता|

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