आलसी चूहा | Chuhe ki kahani | baccho ki kahani

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आलसी चूहा (Chuhe ki kahani)- बच्चों की पढ़ने वाली कहानी (top 10 नई कहानियां बताएं):

बच्चों की पढ़ने वाली कहानी– ये एक आलसी चूहा (Chuhe ki kahani) की कहानी है एक जंगल में बहुत से जानवर रहते थे। उन्हीं में से एक चूहा था, जो बहुत आलसी था और दिन भर अपने ही काम में लगा रहता था। जबकि बाक़ी के चूहे सारा दिन उछलकूद करते रहते थे। जब भी आलसी चूहा कहीं बैठा होता, तो उसे कोई न कोई जानवर परेशान करता। सभी उसके आलसी स्वभाव का बहुत मज़ाक उड़ाते थे। आलसी चूहा सारा दिन सभी से छुपता फिरता था। उसके साथ कोई अच्छा व्यवहार नहीं करते थे। इसी वजह से उसे किसी के साथ रहना पसंद नहीं था। एक दिन चूहों की दौड़ प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। जिसमें तरह तरह की चूहे हिस्सा लेने पहुँचते हैं। आलसी चूहा किनारे बैठकर यह सब देख रहा होता है। अचानक सभी चूहे, आलसी चूहे का प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए मज़ाक उड़ाते हैं, जबकि उन्हें अच्छे से पता है, कि आलसी चूहा ज़्यादा तेज़ दौड़ नहीं सकेगा। लेकिन आलसी चूहा प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए आगे आ जाता है।

Chuhe ki kahani
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सभी जानवर यह देखकर दंग हो जाते हैं। सभी यह सोचते हैं, कि भला यह आलसी चूहा हम सब से मुक़ाबला कैसे करेगा। अगले ही दिन प्रतियोगिता का समय निर्धारित किया जाता है। सभी जानवर अपने अपने प्रतिभागी का समर्थन करते हैं। वहीं दूसरी ओर आलसी चूहा (Chuhe ki kahani) अकेले जाकर दौड़ प्रतियोगिता के शुरुआती सीमा रेखा मैं खड़ा हो जाता है और दौड़ होने का इंतज़ार करने लगता है। सभी यह देखकर हँसने लगते हैं। तभी एक कोयल की तेज आवाज़ के साथ सभी को क़तार से खड़े होने का इशारा मिलता है और सभी चूहे अपनी अपनी जगह पर आकर खड़े हो जाते हैं। सभी अपनी जगह पर उछलकूद कर रहे होते हैं, लेकिन आलसी चूहा एक दम शांत अपनी जगह पर आँख बंद करके बैठा होता है। कोयल की दूसरी आवाज़ सुनते ही सभी चूहे भागना शुरू कर देते हैं और आलसी चूहा भी धीरे धीरे दौड़ में आगे बढ़ता है। कुछ ही देर में सभी चूहे बहुत आगे निकल जाते हैं, लेकिन आलसी चूहा धीरे धीरे अपनी रफ़्तार मैं चलता रहता है। कुछ घंटे गुज़रने के बाद सभी जानवर, प्रतियोगी चूहों का इंतज़ार कर रहे होते हैं। उन्हें एक चूहा धीरे धीरे रेस फिनिशिंग लाइन की तरफ आता दिखाई देता है और यह आलसी चूहा होता है।

baccho ki kahani
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सभी जानवर आलसी चूहे को सबसे आगे आते देख, हैरान हो जाते हैं। उन्हें यह समझ में ही नहीं आता, कि आख़िर आलसी चूहा सबसे आगे कैसे पहुँच पाया। आलसी चूहा जैसे ही विजेता सीमा रेखा को पार करता है। सभी जानवरों में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ती है। आलसी चूहे ने ऐसा कारनामा कर दिया था, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। तभी कुछ चूहे भटकते हुए, आते दिखाई देते हैं। सभी जानवरों मैं, चूहे की जीत से ज़्यादा, इस बात को जानने की इच्छा थी, कि बाक़ी के चूहे भला कैसे पीछे रह गए, जैसे ही बाक़ी के प्रतिभागी यहाँ पहुँचते हैं, तो पता चलता है। सभी की हार का कारण उनकी भूख होती है दरअसल चूहों की दौड़ प्रतियोगिता के रास्ते पर खाने पीने की चीज़ें पहले से ही रखी गई थी और जानबूझकर प्रतियोगिता के पहले उन्हें कुछ खाने नहीं दिया गया और जैसे ही दौर शुरू हुई सभी चूहे खाने के पीछे भटक गए। लेकिन आलसी चूहा धीरे धीरे अपने रास्ते पर आगे बढ़ता रहा और अंत में वह जीत गया। सभी जानवर आलसी चूहे की जीत से बहुत प्रसन्न हुए और सभी जानवरों ने आलसी चूहे को विशेष चूहे का दर्जा दिया।

आलसी चूहा
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सभी से प्रेम और सम्मान पाकर आलसी चूहा पहली बार बेहद ख़ुश हुआ और वह उछल कूद करने लगा। उसकी ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था। उसने अपना वर्चस्व बना लिया था।

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