खिलौना (Khilona)- विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी

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खिलौना (Khilona) (कहानियां कहानियां)- विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी हिंदी में:

कहानियां कहानियां– खिलौनों से खेलना तो, बच्चों का शौक़ होता है लेकिन, खिलौने ख़रीदने का बोझ तो, उस बच्चे के माँ बाप पर ही आता है| यह विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी, एक सामान्य परिवार की है| जहाँ एक पिता, अपने बेटे के खिलौने की इच्छाओं से, परेशान हो चुका था| उसके बेटे का नाम वीनू था| वीनू सिर्फ़ आठ साल का था लेकिन, अब तक उसने हज़ारों रुपये के खिलौने बर्बाद कर दिए थे| लेकिन उसकी खिलौनों से खेलने की इच्छा, ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही थी| प्रतिदिन वह अपने पापा से, ज़िद करके कोई न कोई खिलौना(Khilona) मंगवा लेता है और यदि, उसके पिता खिलौना लाना भूल जाते तो, वह नाराज़ हो जाता| वीनू इतना बड़ा हो चुका था कि, वह मोबाइल से ऑनलाइन खिलौने देखकर, अपने पिता से ऑर्डर करवा लेता था| वीनू के पापा, एक साधारण नौकरीपेशा व्यक्ति थे| उनकी आमदनी इतनी नहीं थी कि, वह अपने बेटे के लिए महंगे खिलौने ला सकें| एक दिन वीनू, अपने पिता को मोबाइल में, शॉर्ट वीडियो दिखाता है जिसमें, एक छोटा सा बच्चा, एक रोबोट चला रहा था| वीनू चाहता था कि, “उसे अब इसी तरह का रोबोट चाहिए|” लेकिन, वीनू के पिता की नज़र, उस लड़के पर जाती है जो, मोबाइल वीडियो में, रोबोट चला रहा था| उन्होंने उस बच्चे के, कई वीडियो देखें जिसमें, वह तरह तरह के खिलौनों के साथ, खेल रहा था| उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा था कि, वह छोटे छोटे खिलौनों से ही परेशान है लेकिन, मोबाइल में यह बच्चा, एक से एक खिलौनों से खेल रहा है| कुछ देर वीडियो देखने के बाद, वह अपने दोस्त को उस बच्चे के कई वीडियो भेजते हैं और थोड़ी देर में, फ़ोन लगाकर अपने दोस्त से पूछते हैं, “यार मुझे तो छोटे मोटे खिलौनों के लिए भी सोचना पड़ता है लेकिन, मैंने एक बच्चे के वीडियो तुम्हें भेजे है जिसमें, वह महंगे खिलौनो से खेल रहा है| मुझे यह समझ में नहीं आ रहा कि, किसी के माता पिता, इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं कि, अपने बच्चे को लाखों रुपयो के खिलौने बर्बाद करने को दे दें| तभी उनका दोस्त, तुरंत अपने मोबाइल में वीडियो देखता है|

खिलौना Khilona story for kids moral
Image by Niek Verlaan from Pixabay

वह उन्हें बताता है कि, “ये लड़का कोई साधारण लड़का नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का सबसे बड़ा, किड्स इन्फ्लुएंसर है, जो सोशल मीडिया से, लाखों रुपया कमाता है और उसके लिए, इन खिलौनों से खेलना, कोई बड़ी बात नहीं क्योंकि, उसकी पॉपुलैरिटी की वजह से, खिलौने तो, कंपनियां उसे मुफ़्त में देती हैं ताकि, वह उनका प्रचार कर सके और कंपनियों के खिलौने बिके और तो और, इन्हीं खिलौनों से खेलने की वजह से, ये लड़का बड़ी बड़ी कारों का मालिक है| वीनू के पिता, यह बात सुनते ही सोच में पड़ जाते हैं| उन्हें लगता है कि, “भला खिलौने खेलने से, कैसे पैसा कमाया जा सकता है और वह भी एक छोटे से बच्चे के द्वारा?” वह तुरंत अपने दोस्त से कहते हैं, “क्या तुम मुझे भी, इसका तरीक़ा बता सकते हो| उनका दोस्त, उन्हें सोशल मीडिया की जानकारी देने के लिए, कुछ वीडियो भेज देता है जिससे, वह समझ जाते हैं कि, इतने सालों से उन्होने, क्या खोया है? वह अपने बेटे से कहते हैं, “क्या तुम भी इसी तरह वीडियो में, खिलौनों से खेलोगे?” वीनू इस बात से ख़ुश हो जाता है| उसे तो बस खेलने से मतलब था| अगले ही दिन वीनू के पिता, अपने बच्चे के नाम पर सोशल मीडिया अकाउंट बनाते हैं और उसमें, वीनू की पहली वीडियो बना कर, अपलोड कर देते हैं और अपने ऑफ़िस चले जाते हैं| ऑफ़िस ख़त्म करने के बाद, जैसे ही वह वापस आकर वीनू के वीडियो देखते हैं तो, निराश हो जाते हैं क्योंकि, उनके बच्चे का पहला वीडियो, सिर्फ़ पाँच लोगों ने ही देखा था| दरअसल उन्हें लग रहा था कि, “पहले ही वीडियो से, उनका जीवन बदलने लगेगा” लेकिन, सोशल मीडिया से पैसे कमाना, इतना आसान नहीं था| धीरे धीरे करके, वह अपने बेटे वीनू के कई वीडियो, सोशल मीडिया में अपलोड करते जा रहे थे लेकिन, उन्हें निराशा ही हाथ लग रही थी| हर दिन वह बाज़ार से एक नया खिलौना लेकर आते, जिससे वीनू तो बहुत ख़ुश हो जाता लेकिन, वह अंदर ही अंदर, खर्चों के बोझ तले दबते जा रहे थे| उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था| उन्होंने अब तक सौ से ज़्यादा वीडियो डाल दिए थे लेकिन, किसी भी वीडियो में व्यू नहीं आ रहे थे| अब वह पूरी तरह हार चुके थे| उसी समय उन्होंने तय किया कि, “अब अपने बेटे के लिए, कोई खिलौना नहीं लाएंगे और न ही, वीडियो डालेंगे| बस अब अपनी नौकरी में, ध्यान देंगे ताकि, उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सके|” वह अपनी नौकरी में, ओवरटाइम करने लगते हैं और कुछ ही दिनों में, ज़्यादा काम करने की वजह से, उनकी तबियत ख़राब हो जाती है जिससे, उन्हें कुछ दिन घर में ही आराम करना पड़ता है| एक दिन, वह अपने घर में लेटे हुए थे अचानक, उनके दोस्त का फ़ोन आता है| उन्हें लगता है कि, “शायद उनके दोस्त ने, उनकी तबियत पूछने के लिए फ़ोन किया होगा|” वह तुरंत फ़ोन उठाते हैं| फ़ोन उठाते ही, उनका दोस्त कहता है, “यार तुम्हारा बेटा तो, स्टार बन गया और तुमने बताया तक नहीं|” दरअसल, यह वही दोस्त था जिसने, वीनू के वीडियो बनाने की सलाह दी थी| वीनू के पापा, तुरंत अपने बेटे का सोशल मीडिया अकाउंट चैक करते हैं और अकाउंट देखते ही, वह ख़ुशी से उछल पड़ते हैं|

विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी
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दरअसल, वीनू सोशल मीडिया स्टार बन चुका था| उसके वीडियो, लाखों लोगों तक पहुँचने लगे थे| उस वक़्त वीनू बाहर खेल रहा होता है| वह बाहर जाकर, अपने बेटे को गोद में उठा लेते हैं और उसे, चूमने लगते हैं| दरअसल, यह जीत वीनू की नहीं, बल्कि उसके पिता की, बदली हुई सोच की थी| जिन्होंने, अपने बेटे के खेल को, एक नई दिशा दी जिससे, उन्होंने अपने साथ साथ, अपने बेटे का भी भविष्य बना दिया|

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