जन्म (Janam) मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स- Long story in hindi:
मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स– किसी भी इंसान के लिए, उसका जन्म महत्वपूर्ण होता है क्योंकि, जन्म ही आपका भविष्य तय कर देता है, इसीलिए लोगों के लिए, उनका जन्म स्थान ख़ास महत्व रखता है| ऐसी ही एक कहानी, मार्क की है| मार्क समुद्र के बीच(समुद्र तट) पर, छोटा सा रेस्टोरेंट चलाता था| उसका स्वभाव, मनमोहक था| उसके रेस्टोरेंट में आने वाले ग्राहक, उससे बात करके ख़ुश हो जाते थे| लोगों को, ऐसा लगता था कि, मार्क उनके दिल की बात जानता है| मार्क से बात करके लोगों को सुकून मिलता था| कई बार तो ऐसा होता था कि, लोगों के ऑर्डर देने से पहले, वह उनके दिल की बात जान लेता था कि, वह आज क्या खाना चाहते हैं| सभी के लिए यह बहुत अजीब बात थी| उन्हें ऐसा लगता था कि, जैसे मार्क के पास कोई दिव्य शक्ति है| उसके रेस्टोरेंट में लोग खाने से ज़्यादा, मार्क से बात करने के इच्छुक रहते थे| मार्क सभी के मन की बातों को बख़ूबी समझता था हालाँकि, मार्क के बारे में, किसी को ज़्यादा जानकारी नही थी| मार्क से जब भी उसके जन्म के बारे में पूछा जाता तो, वह लोगों को, उन्हीं की बातों में फँसा देता और नज़रअंदाज़ करके, अपने काम में लग जाता| ऐसा लगता था, जैसे वह अपने जन्म की बात लोगों से छुपाना चाहता है| मार्क के जन्म का रहस्य, एक पहेली बन चुका था| एक दिन मार्क के रेस्टोरेंट में विदेशी टूरिस्ट से आए हुए थे| सभी खाना खाने के बाद, बीच के किनारे समुद्र की लहरों का मज़ा लेते हुए, आराम कर रहे थे, अचानक एक मगरमच्छ, समुद्र की लहरों के दबाव से, किनारे आ जाता है और दुर्घटनावश, एक टूरिस्ट के पैर को, अपने जबड़ों में जकड़ लेता है| धीरे धीरे मगरमच्छ, उस व्यक्ति को घसीटता हुआ, समुद्र के अंदर ले जाने लगता है| यह नज़ारा, अपने आप में, खौफ़नाक था| बीच पर मौजूद, सैलानी बचाओ बचाओ की आवाज़ लगा रहे थे लेकिन, किसी की हिम्मत, मगरमच्छ के जबड़ों में हाथ डालने की नहीं थी| मगरमच्छ उस व्यक्ति को घसीटते हुए, समुद्र के अंदर प्रवेश करने ही वाला था कि, पीछे से मार्क, उसकी पूँछ पकड़कर, समुद्र से दूर लाने लगता है| सभी सोचते हैं कि, एक साधारण इंसान, इतना बहादुर कैसे हो सकता है कि, अपने से कई गुना ताक़तवर मगरमच्छ को, बड़ी आसानी से खींचकर बाहर ला रहा है और देखते ही देखते, उसने मगरमच्छ के जबड़े फाड़कर, उस आदमी को बाहर निकाल लिया और मगरमच्छ को वापस, समुद्र में छोड़ दिया|
कई लोगों ने, इस घटना का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था, जिसकी ख़बर फैलते ही, प्रशासन के कुछ अधिकारी, समुद्री के किनारे पहुँच जाते हैं| साथ ही साथ मीडिया के लोग, मार्क के पास उसका इंटरव्यू लेने के लिए, भीड़ लगा लेते हैं| सभी पत्रकार, एक एक करके, उसकी बहादुरी से जुड़े, कई सवाल पूछते हैं लेकिन, मार्क सभी को यहाँ वहाँ की बातों में घूमा देता है| इन पत्रकारों की टीम में से, एक लड़की को, मार्क के ऊपर श़क होता है| वह आस पड़ोस के लोगों से, मार्क के बारे में तफ़तीश करती है| तभी उसे पता चलता है कि, बीस साल पहले यहाँ सुनामी आयी थी, जिसकी वजह से समुद्र के आस पास बसे सभी पुराने घर, बर्बाद हो गए और वहाँ रहने वाले लोगों का, कुछ पता नहीं चला लेकिन, उस घटना का एक चश्मदीद गवाह, आज भी मौजूद है जो, उस सुनामी में, अपने सारे परिवार को खो चुका है और ज़िंदगी की आख़िरी सांसे गिन रहा है| शायद वह आपको मार्क के बारे में कोई जानकारी दे सकता है| न्यूज़ रिपोर्टर पता करते करते, उस व्यक्ति तक पहुँच जाती है और वहाँ वह मार्क का फ़ोटो दिखाकर, उसके बारे में पूछती है लेकिन, लड़की की उलझन और बढ़ जाती है| मार्क की फ़ोटो देखने के बाद वह व्यक्ति चौंक जाता है| वह काँपती हुई आवाज़ से कहता है “यही अभी भी बिलकुल वैसे ही दिखता है जैसे 20 साल पहले था” वह रिपोर्टर को बताता है कि, “मुझे मार्क के जन्म के बारे में तो कुछ पता नहीं लेकिन, एक दिन अचानक यह, सुनामी की घटना होने के, 6 महीने पहले समुद्र के किनारे, पड़ा मिला था और सुनामी के दिन, समुद्र की तेज़ लहरों के बीच से, मार्क ही उसे जिंदा बचाकर लाया था| ताज्जुब की बात तो यह थी कि, मार्क उस दिन लहरों के अंदर, कई घंटे रहा लेकिन, उसे कुछ नहीं हुआ, उस तबाही में केवल हम दोनो ही बचे थे| इससे ज़्यादा, मैं तुम्हें उसके बारे में और कुछ नहीं बता सकता|” रिपोर्टर को मार्क, कोई संदिग्ध व्यक्ति लग रहा था इसलिए, वह उसी रात चोरी से, मार्क के घर में घुस जाती है| अंदर घुसते ही, उसके सामने मार्क, इलेक्ट्रॉनिक मशीन की तरह, चार्ज हो रहा था जिसे, देखकर वह डर जाती है और चिल्लाने लगती है| मार्क की आंखें खुलते ही, वह उसे शांति से बैठने को कहता है| लड़की को मार्क का रवैया सामान्य लग रहा था, इसलिए वह चुप होकर ज़मीन पर बैठ जाती है| तभी मार्क उसे, अपने बारे में जानकारी देते हुए कहता है कि, मैं एक रोबोट हूँ, मेरा नाम ई इंसान है|
मुझे एक प्रणव शास्त्री नाम के वैज्ञानिक ने, ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से बनाया था लेकिन, जब उन्हें प्रॉब्लम होने लगी तो, उन्होंने मुझे एक सोलर चार्जिंग बॉक्स में भरके, समुद्र में फेंक दिया| समुद्र की लहरों में बहते हुए मैं, इस किनारे तक आ गया और, तब से मैं, यही अकेले रह रहा हूँ लेकिन, मेरा यक़ीन करो मैं किसी भी इंसान या जीव जन्तु को तक़लीफ़ नहीं पहुँचाना चाहता, इसलिए गुमनामी की ज़िंदगी जी रहा हूँ| अगर तुम्हें लगता है कि, मैं ग़लत हूँ तो, तुम यह बात सभी से कह सकती हो| मैं तुम्हें नहीं रोकूँगा|” मार्क की कहानी सुनकर, रिपोर्टर को यक़ीन ही नहीं होता कि, भला कोई रोबोट इतना, भावनात्मक कैसे हो सकता है| वह मार्क से कहती है कि, रोबोट तो मशीन की तरह होते हैं फिर, तुम्हारे अंदर मनुष्य से जुड़े इमोशंस कैसे आ रहे हैं| मार्क ने मुस्कुराते हुए कहा, मुझे बनाने वाले वैज्ञानिक ने, इंसान की सारी भावनाएँ जैसे “काम, क्रोध, मोह, माया” सभी कुछ मुझे दिया है, जिसकी वजह से मैं, बुद्धिमान के साथ साथ भावनात्मक भी हूँ| लड़की मार्क को गले लगाकर रोने लगती है और उसे गुड लक कह कर, अपने कैमरे से उसकी सारी जानकारी डिलीट कर देती है और मार्क को अलविदा कहकर, वह वहाँ से चली जाती है| (Read first part)
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