तितली रानी (Titli Rani)- हिंदी नैतिक कहानियां
(तितली की कहानी हिंदी में):
हिंदी नैतिक कहानियां– तितली की कहानियाँ, बच्चों को खूब पसंद आती है| ऐसी ही, एक कहानी तितली रानी (Titli Rani) की है| तितली रानी, अपनी सेना के साथ, एक फूलों के बागीचे में रहती थी| तितलियाँ भोजन के लिए, फूलों के पराग पर आश्रित थी| गर्मियों के समय, फूलों के सूख जाने पर, तितलियों को मजबूरी में, जंगलों की हरियाली की तरफ़, जाना पड़ता था| जहाँ, उन्हें मजबूरी में, जंगली फूलों पर, निर्भर होना पड़ता था लेकिन, अभी तो, बरसात का मौसम था| तितलियों के लिए, फूलों की कोई कमी नहीं थी| एक दिन तितली रानी ने सोचा कि, “हम भी, मधुमक्खियों की तरह छत्ते बनाकर, अपना खाना, गर्मियों के लिए इकट्ठा करेंगे|” जिसके लिए उसने, अपनी सेना की, सबसे होशियार तितली को, मधुमक्खी के पास जाकर, छत्ता बनाने की विधि, पता करने का, काम दिया| होशियार तितली, अपने साथ कुछ तितलियों को लेकर, एक पहाड़ी के पास, मधुमक्खियों के छत्तों तक, पहुँच जाती है| रानी मधुमक्खी, अपने छत्ते के बीच में बैठकर, आराम कर रही थी| होशियार तितली, रानी मधुमक्खी से जाकर बताती है कि, “हम फूलों के बागीचे से आए हैं| हमें, हमारी तितली रानी ने भेजा है|
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क्या आप हमें छत्ता बनाने की विधि, बता सकती हैं?” रानी मधुमक्खी के पास, पहली बार किसी तितली ने, छत्ता बनाने की इच्छा, ज़ाहिर की थी| तितलियों की बात सुनकर, रानी मधुमक्खी हँसते हुए कहती है, “क्यों नहीं, मैं तुम लोगों को, इससे भी अच्छा छत्ता बनाना सिखा दूंगी, लेकिन उसकी एक शर्त है| तुम अपनी तितली रानी से, जाकर कहो कि, पहले वह, हम मधुमक्खियों को, अपनी तरह, रंगीन बनाकर दिखाएं|” होशियार तितली, रानी मधुमक्खी का जवाब सुनकर, तितलियों के साथ, फूलों के बागीचे, वापस लौट जाती है और तितली रानी से, रानी मधुमक्खी का संदेश, कहती है| तितली रानी को, रानी मधुमक्खी का, जवाब अहंकार भरा लगता है जिससे, वह नाराज़ हो जाती है और रानी मधुमक्खी को, सबक़ सिखाने की, ठान लेती है| लेकिन, अगले ही दिन, फूलों के बागीचे में, कीड़े मारने के लिए, दवाई का छिड़काव करने के लिए, कुछ लोग आ जाते हैं|
![Titli Rani (butterfly story) Titli Rani (butterfly story)](http://bacchonkikahaniyan.in/wp-content/uploads/2024/01/titli-rani1-300x263.jpg)
जिसे देखकर सभी तितलियाँ, घबरा जाती है क्योंकि, तितलियों ने, फूलों में अपने अंडे रखे थे और ज़हरीली दवाई के असर से, उनके अंडों को नुक़सान हो सकता था| जैसे ही, तितली रानी को यह बात पता चलती है| वह सभी तितलियों को, फूलों के बागीचे को छोड़कर भागने को कहती है लेकिन, तितलियाँ अपने अंडों को छोड़कर, नहीं जाना चाहती थी| सभी तितलियाँ, दहशत में होती हैं क्योंकि, इतने कम वक़्त में, अपने अंडों को सुरक्षित बचा पाना, असंभव था| धीरे धीरे, कुछ लोग, ज़हरीली दवाई का स्प्रे करते हुए, बागीचे में, आगे बढ़ने लगते हैं लेकिन, इसी बीच मधुमक्खियों की सेना, उन पर हमला कर देती है| सभी, मधुमक्खियों से, अपनी जान बचाकर, भागने लगते हैं| उन्हें कुछ समझ में नहीं आता कि, अचानक मधुमक्खियों की फ़ौज ने, कैसे उन पर आक्रमण कर दिया? उनके भागते ही, रानी मधुमक्खी उड़ते हुए, तितली रानी के पास आती है जिसे, देखकर तितली रानी शर्मिंदा हो जाती है क्योंकि, कुछ ही समय पहले, वह रानी मधुमक्खी को, सबक़ सिखाने के लिए, योजना बना रही थी लेकिन, रानी मधुमक्खी के बहादुरी भरे, कारनामे की वजह से, तितलियों को, अपने अंडे सुरक्षित करने का मौक़ा मिल गया था| सभी तितलियाँ मधुमक्खियों का शुक्रिया अदा करती हैं और ज़हरीली दवा के डर से, सभी अपने अंडों को लेकर, जंगल में हमेशा हमेशा के लिए चली जाती हैं| तितलियों के जाने से फूलों का बगीचा सूना हो चुका था|