नाग नागिन – Nag Nagin ki Kahani

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नाग नागिन – बच्चों की डरावनी कहानियां (Nag Nagin ki Kahani in hindi):

बच्चों की डरावनी कहानियां– नाग नागिन से जुड़ी हुई, बहुत सी कहानियां, आप लोगों ने पढ़ीं होंगी लेकिन, यह एक ऐसी अद्भुत नाग और नागिन की कहानी है जिसमें, एक का, दूसरे के प्रति, अटूट प्रेम प्रदर्शित होता है| चम्बल नदी के किनारे, एक बहुत घना जंगल था| उसी जंगल में, कई जीव जन्तु रहते थे और उन्हीं के बीच में, एक नाग नागिन का जोड़ा भी था| जो, हमेशा साथ में ही घूमा करता था लेकिन, एक दिन नाग, अकेले ही मदहोश, एक पेड़ पर, लटक रहा था| उसी समय, एक व्यक्ति टहलते हुए, जंगल के अंदर पहुँचता है| पेड़ के पास आते ही, उसकी नज़र, लटक रहे नाग पर पड़ती है और नाग, कुछ समझ पाता, इससे पहले ही, वह व्यक्ति उसे, अपनी गिरफ्त में ले लेता है| वह नाग को, अपनी पोटली में डाल कर, जंगल से बाहर आ जाता है| काफ़ी देर तक, नाग के ना आने से, जंगल में नागिन, नाग की तलाश में, चारों तरफ़ घूमने लगती है लेकिन, उसे नाग का कुछ पता नहीं चलता| कई घंटों की तलाश के बाद, उसे जंगल के बाहर जाने वाले रास्ते में, नाग की केंचुली दिखाई देती है| नागिन को समझ में आ जाता है कि, “शायद कोई उसके नाग को, पकड़कर ले गया है|” नागिन अपने नाग की याद में, बेसुध हो जाती है और यहाँ, दूसरी तरफ़ नाग को, पोटली से बाहर निकाला जाता है| बाहर निकलते ही, नाग समझ जाता है कि, वह एक सपेरे के चंगुल में फँस चुका है|

नाग नागिन snake story
Image by Musthaq Nazeer from Pixabay

क्योंकि, चारों तरफ़, साँप ही साँप दिखाई दे रहे थे| दरअसल, उन्हें एक पिंजरे में बंद किया गया था| सभी साँपों को, कई दिनों से भूखा रखा गया था जिससे, उनकी हालत ख़राब थी| नाग को, इस जल्लाद आदमी के ऊपर, बहुत ग़ुस्सा आ रहा था लेकिन, सपेरे से निपट पाना, उसके बस की बात, नहीं थी हालाँकि, उसे अपनी नागिन पर, पूरा यक़ीन था कि, वह उसे बचाने, ज़रूर आएगी लेकिन, वह केवल, नागिन के ही सहारे, नहीं बैठना चाहता था| यहाँ जंगल में, नागिन फ़ैसला करती है कि, वह नाग को ढूंढने, शहर जाएगी क्योंकि, नाग की केंचुली, शहर से बाहर जाने वाले रास्ते में ही मिली थी| यहाँ सपेरा, नाग को अपने साथ लेकर, शहर में खेल दिखाने पहुँच जाता है| वह दर्शकों के सामने, खेल दिखाते हुए, उन्हें नाग को दूध पिलाने को कहता है लेकिन, “सांप जंगल में, कीड़े मकोड़े खाकर ज़िंदा रहने वाला प्राणी है| वह भला दूध कैसे पीता” लेकिन, नाग को कई दिनों से, भूखा रखा गया था इसलिए, वह मजबूरी में, अपनी प्यास बुझाने के लिए, गटागट दूध पी जाता है| नाग को दूध पीता देख, सभी दर्शक, सपेरे की झोली में, पैसा डालना शुरू कर देते हैं| पैसे बटोरते हुए, सपेरा बहुत ख़ुश हो रहा था लेकिन, नाग की हालत, दूध पीते ही, और ख़राब हो चुकी थी| इसी बीच दर्शकों की भगदड़ मच जाती है| सँपेरे को कुछ समझ नहीं आता कि, अचानक सभी दर्शक, भागने क्यों लगे| अगले ही पल, एक नागिन, सपेरे के सामने, विशाल फन फैलाकर, खड़ी हो जाती है|

Nag Nagin ki Kahani
Image by Pexels from Pixabay

नागिन का रौद्र रूप देखते ही, सपेरे की सिट्टी पिट्टी गुम हो जाती है| सपेरा ज़मीन पर गिर जाता है और पीछे की तरफ़, घिसटने लगता है लेकिन, नागिन ग़ुस्से में, सपेरे के ऊपर, कई वार करती है जिससे, सपेरा ज़मीन पर, दर्द से तड़पने लगता है और दम तोड़ देता है| नागिन तुरंत, अपने नाग से लिपट जाती है| नाग अपनी नागिन को देखकर, ख़ुशी से लहराने लगता है| दोनों साथ में लिपटे हुए, जंगल की तरफ़, तेज़ी से निकल जाते हैं| नागिन के हौसले और जज्बे की वजह से, नाग को नया जीवनदान मिला था| सपेरे के चंगुल से, बचने के बाद, दोनों ने क़सम खाई कि, वह कभी एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ेंगे|

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