परियों की कहानी | hindi stories for kids:
एक गाँव में एक बुजुर्ग महिला रहती थी | गाँव के बच्चे उसे बहुत पसंद करते थे | वह अक्सर बच्चों को कहानियां सुनाया करती थी | बच्चे भी बुजुर्ग महिला के साथ बहुत ख़ुश होते थे | एक बार महिला गाँव से कहीं चली जाती है | कई दिनों के बाद भी, जब बुजुर्ग महिला का पता नहीं चलता तो, गाँव के बच्चे दुखी हो जाते हैं और बुज़ुर्ग महिला की तलाश में लग जाते हैं | बच्चों को परेशान देख, गाँव के लोग, बुजुर्ग महिला के घर की तलाशी लेते हैं | उन्हें एक काग़ज़ मिलता है और जैसे ही वह उसे खोलकर पढ़ते हैं, तो उसमें लिखा होता है, परियों की कहानी (pariyon ki kahani) | बच्चों के मन में कहानी जानने की जिज्ञासा बढ़ जाती है, जैसे जैसे pariyon ki kahani (परियों की कहानी) की बात गाँव में फैलती है, तो लोगों की भीड़ इकट्ठा होने लगती है और देखते ही देखते लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है | तभी भीड़ में से एक व्यक्ति निकल कर कहानी वाला पन्ना ले लेता है और सभी को शांत बैठने के लिए कहता है और कहानी पढ़ना प्रारंभ कर देता है | एक बहुत ही ख़ूबसूरत परियों का शहर था | जहाँ कई तरह के पक्षी रहते थे |

उन्हीं परियों में एक छोटी सी परी थी, जो कि बिलकुल इंसानी बच्चों की तरह दिखाई देती थी | वह देखने में जितनी सुंदर थी, उतनी ही चंचल भी थी | एक बार खेलते हुए उसे चोट लग जाती है और उसके पैर से खून निकलने लगता है | अपनी बच्ची को तक़लीफ में देख, सभी परियाँ उसके पास पहुँच जाती है, लेकिन उन्हें ताज्जुब होता है, क्योंकि परियों की चोट तुरंत ठीक हो जाती है, फिर इस नन्ही परी के साथ क्या हुआ था जो ये इंसानों की तरह बर्ताव करने लगी थी | परियाँ तुरंत अपनी बच्ची को लेकर अपने महल पहुँचती है और दिव्य शक्तियों के द्वारा नन्हीं परी की चोट ठीक कर देती है | लेकिन जो काम स्वयं होना था, उसके लिए परियों को अपनी शक्ति का इस्तेमाल करना पड़ा, यह बात उन्हें चिंतित कर रही थी | उन्हें लगने लगा था, कहीं हमारी नन्ही परी एक इंसानी बच्चे की तरह तो नहीं है | परियों में रूप बदलने की कला होती है, लेकिन वह वक़्त के साथ प्राप्त की जाती है जिसके लिए नन्हीं परी अभी बहुत छोटी थी | परियों को जब भी कोई समस्या आती थी, तो वह ऊँची पहाड़ी पर स्थित, एक छोटे से मंदिर में जाकर ध्यान किया करती थी और उनकी समस्या का समाधान मिल जाता था | नन्हीं परी के हालात किसी से छिपे नहीं थे, सारी परियाँ उड़ते हुए, उसी ऊँची पहाड़ी पर बने, मंदिर में पहुँच जाती हैं और अपनी पूजा विधि प्रारंभ कर देतीं हैं | कई घंटों के बाद, मंदिर की दीवारों से, आवाज़ आने लगती है तुम्हारी बच्ची को इन्सानों के बीच पूरा जीवन जीना होगा और इसके बाद ही वह पूर्ण रूप से परी बनेगी | परियां रहस्यमयी वाणी सुनते ही, दुखी हो जाती है क्योंकि उन्हें अपनी नन्हीं बच्ची को इंसानों के बीच रखना होगा फिर भी दिल पर पत्थर रखकर मंदिर के आदेश के अनुसार सारी परियाँ, अपनी नन्ही परी को इंसानों की एक बस्ती में छोड़ देती है | इस बच्ची को देखते ही इंसानों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है | सभी बच्ची से उसका नाम पूछते हैं, लेकिन बच्ची कुछ नहीं बोलती | उसके लिए सभी इंसान अजीब लग रहे होते हैं |

उसने इन्सान पहली बार देखे हैं, लेकिन वह परी है | वह बहुत जल्दी मनुष्यों की तरह बर्ताव करना सीख लेती है और उनके बीच घुल मिल जाती है | बच्ची उन्हें बताती है कि उसके माँ बाप कहीं बिछड़ गए हैं और वह अकेली रह गई है | बच्ची की बात पर सभी भरोसा कर लेते हैं और उसे अपने साथ ले जाते हैं | कई वर्षों से वह गाँव वालों के बीच में रह रही होती है, जिसका इंतज़ार आज ख़त्म हो जाता है और वह परियों की शक्ति पाने के लिए, इंसानों की दुनिया से हमेशा हमेशा के लिए निकल जाती है | उसने अपना पूरा जीवन साधारण मनुष्य की तरह जिया था और यह नन्हीं परी कोई और नहीं वही बुजुर्ग महिला होती है, जिसने अपनी ही कहानी लिखकर रखी होती है | गाँव के सभी लोग परी की कहानी सुनकर चकित रह जाते हैं और उन्हें विश्वास नहीं होता, कि इतने वर्षों से सभी जिस बुजुर्ग महिला के साथ रह रहे थे, वह एक परी थी | बुजुर्ग महिला के रहस्य के साथ ही, यह कहानी समाप्त हो जाती है |
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