पालतू कुत्ता- किड्स स्टोरी इन हिंदी न्यू (Kutte ki Kahani in hindi):
किड्स स्टोरी इन हिंदी न्यू – कुत्ते पालना तो, कुछ लोगों का शौक़ होता है| कुत्तों को बहुत वफ़ादार जानवर माना जाता है| कई लोग तो, कुत्तों को अपने परिवार का हिस्सा मानने लगते हैं| कुत्तों की ज़िंदगी की सच्चाई प्रदर्शित करने हेतु, पालतू कुत्ता एक प्रेरणात्मक कहानी सिद्ध होगी| शैंकी अपने माँ बाप का, इकलौता लड़का था| जिसके अकेलेपन को, मिटाने के लिए, उसके पापा ने उसे एक क़ीमती, पालतू कुत्ता लाकर दिया| कुत्ता बहुत प्यारा था| शैंकी ने कुत्ते का नाम, टॉमी रखा था| वह शैंकी के साथ, सारा दिन खेलता रहता| शैंकी, टॉमी के आने से, अपने अकेलेपन को भूल गया था हालाँकि, शैंकी की उम्र तो, कम थी लेकिन, अपने कुत्ते टॉमी को, वह एक बच्चे की तरह रखता था| कुछ ही दिनों के अंदर, दोनों में बहुत गहरी दोस्ती हो चुकी थी| शैंकी, जैसे ही स्कूल से आता, टॉमी उससे लिपटने लगता और उसके बाद, दोनों साथ ही खाना खाते| एक दिन शैंकी, टॉमी को बाहर घुमाने ले गया| रास्ते में टॉमी को देखते ही, कुछ आवारा कुत्ते भौंकने लगे| टॉमी, पालतू कुत्ता था, जिसे शैंकी ने, रस्सी से पकड़ रखा था, इसलिए वह, कहीं भाग नहीं पा रहा था और वहीं, आवारा कुत्ते, चारों तरफ़ उछल कूद मचा रहे थे| उन्हें देखकर, टॉमी भी अपनी रस्सी छुड़ाने की कोशिश, कर रहा था लेकिन, शैंकी उसे, मज़बूती से घसीटते हुए, घर ले आता है| दरअसल शैंकी को डर था, कहीं आवारा कुत्ते, टॉमी को नुक़सान न पहुँचा दें लेकिन, टॉमी को बाहरी ज़िंदगी का, चस्का लग चुका था| उसे, उन्हीं आवारा कुत्तों की याद आ रही थी|
दरअसल, उसने पहली बार, घर के बाहर क़दम रखा था| पहले उसे अंदाज़ा नहीं था कि, बाहर उसके जैसे कई जानवर, आज़ादी से रहते हैं| जिनके ऊपर, किसी तरह का कोई बंधन नहीं होता| टॉमी ने तो बचपन से, अपने गले में पट्टा बँधे हुए, देखा था तो, उसके मन में, अपने लिए हमेशा यही सोच थी कि, उसकी क़िस्मत में, बँधा होना ही लिखा है लेकिन, अब उसकी सोच में, आवारा कुत्तों का असर आ चुका था| उसे भी, आज़ादी से सारी जगह घूमना था| लेकिन वह, अपने दोस्त शैंकी से भी, दूर नहीं रह सकता था| उसे डर था कहीं, अकेले बाहर निकलने पर, उसे दो वक़्त की रोटी के लाले ना पड़ जाए| एक दिन टॉमी, अपने घर के गार्डन में खेल रहा था| अचानक उसे, कुछ कुत्ते गेट के बाहर, भोगते हुए दिखाई दिए| टॉमी उनके पास तुरंत पहुँच गया और वह भी, गेट के इस तरफ़ से, भौंकना शुरू हो गया| इस बार टॉमी, अपनी बाहर जाने की इच्छा में, क़ाबू नहीं कर पाया और, अपने गार्डन की बाउंड्री से, छलांग लगाकर, आवारा कुत्तों के साथ, बाहर भाग गया| शैंकी ने अपने घर में, टॉमी को ढूंढने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह, उसे कहीं नहीं दिखा| शैंकी, टॉमी को बहुत चाहता था| उसने टॉमी की खोज करने के लिए, शहर के कई इलाकों को, छान मारा लेकिन, जब उसे टॉमी की कोई ख़बर नहीं लगी तो, वह पुलिस थाने में, अपने पालतू कुत्ते के, चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज करवाने पहुँच गया| टॉमी, महंगी नस्ल कुत्ता था इसलिए, पुलिस टॉमी की फ़ोटो लेकर, उसकी तलाश करने में जुट जाती है| एक दिन, पुलिस को टॉमी, आवारा कुत्तों के साथ, घूमता हुआ दिखाई देता है|
पुलिस तुरंत, शैंकी को फ़ोन करके, उसी जगह बुलाती है| कुछ ही घंटों में शैंकी, टॉमी के पास पहुँच जाता है लेकिन, ताज्जुब की बात तो यह थी कि, शैंकी को देखने के बाद भी, टॉमी आवारा कुत्तों के साथ ही, खेलने में मस्त होता है| शैंकी को यह देखकर, बहुत दुख होता है क्योंकि, उसका टॉमी, बिलकुल बदल चुका था और अब वह, आज़ाद दुनिया में, बिना किसी बंधन के, जीना सीख गया था| शैंकी, नम आँखों से, टॉमी को हमेशा हमेशा के लिए, अलविदा कहकर, वापस आ जाता है|