टेडी बियर की कहानी- (स्टोरी इन हिंदी) प्रेरणादायक सुविचार इन हिंदी (Super story):
स्टोरी इन हिंदी– टेडी बीयर्स के साथ तो, बचपन में सभी ने खेला ही होगा| कुछ बच्चे तो खिलौनों को सच समझ बैठते हैं और खिलौनों से उनका लगाव, अधिक हो जाता है जिससे, बच्चों का जीवन अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित होता है| ऐसे ही एक कहानी रिंकी की है| चार साल पूरे होते ही रिंकी का जन्मदिन मनाया जा रहा था| आस पड़ोस के कई बच्चे, रिंकी के जन्मदिन पर इकट्ठे हुए थे| सभी बच्चों की तालियों के बीच, केक कटने के बाद, रिंकी के पापा, उसे गिफ़्ट में एक ख़ूबसूरत टेडी बियर देते हैं| रिंकी टेडी बीयर देखते ही, उससे लिपट जाती है| उसके पापा का दिया हुआ, प्यारा सा गिफ़्ट, उसे बहुत पसंद आता है| रिंकी अपने पापा को थैंक्यू बोलकर, अपने टेडी बियर के साथ, खेलने लगती है| टेडी बियर से खेलते हुए रिंकी, सभी बच्चों को भूल जाती है और उसे लेकर, अपने कमरे में पहुँच जाती है| अगली सुबह, रिंकी नाश्ता मंगाती है और अपने हाथ से, टेडी बीयर को भी खिलाने की कोशिश करती है| रिंकी के माता पिता उसकी हरकतें देखकर, हँस रहे होते हैं| अचानक, टेडी बियर के खाना, न खाने पर, रिंकी नाराज़ हो जाती है और वह भी, नास्ता करने से मना कर देती है| रिंकी की माँ उसे समझाती है, “बेटा यह तो खिलौना है| इसे खाने पीने की कोई ज़रूरत नहीं| यह हमेशा, इसी तरह मुस्कुराता रहेगा लेकिन, तुम्हें है| इसलिए, तुम नाश्ता करो|” रिंकी, अपनी माँ की हर बात मानती थी इसलिए, वह उनके कहने पर नाश्ता करने लगती है| कुछ महीनों के अंदर, रिंकी टेडी बियर के अलावा, सब कुछ भूल चुकी थी और वह सिर्फ़ अपने टेडी बीयर के साथ ही, बातें करती रहती| उसके माता पिता को यह सब, असामान्य लगने लगा था इसलिए, उन्होंने फ़ैसला किया कि, रिंकी को कोई दूसरा खिलौना लाकर देंगे ताकि, उसका ध्यान टेडी बियर से हट जाए| अगले ही दिन, रिंकी के पापा उसे बाज़ार ले जाते हैं|
![टेडी बियर की कहानी टेडी बियर की कहानी](http://bacchonkikahaniyan.in/wp-content/uploads/2024/01/teddy-bear-300x216.jpg)
जहाँ, उसे कई तरह के खिलौने दिखाते हैं लेकिन, रिंकी नए खिलौने लेने से मना कर देती है और वह अपने टेडी बियर के लिए, कपड़े लेने को कहती है| रिंकी के पापा, उसकी यह फ़रमाइश जानकर चिंतित हो जाते हैं क्योंकि, वह टेडी बीयर से, रिंकी का ध्यान हटाना चाहते हैं लेकिन, रिंकी उसी के लिए, कपड़ों की माँग कर रही है| मजबूरी में, उन्हें रिंकी की ज़िद के आगे, हार मानकर, टेडी बीयर के लिए, कपड़े ख़रीदने पड़ते हैं| रिंकी बाज़ार से लौटकर, टेडी बियर को कपड़े पहनाकर, खिलखिलाकर हंसने लगती है| रिंकी की माँ, उसे हंसते देखकर, बहुत ख़ुश होती है लेकिन, उसके पापा को, रिंकी का व्यवहार मन ही मन विचलित करने लगा था| वह एक के बाद एक, कई कोशिशें करने के बाद भी, रिंकी का ध्यान, टेडी बीयर से हटाने में, क़ामयाब नहीं हो पा रहे थे| देखते ही देखते, छह साल गुज़र जाते हैं लेकिन, आज भी रिंकी का बर्ताव, चार साल की बच्ची की तरह होता है| रिंकी के पापा, उसकी दिमाग़ी हालत की वजह नहीं समझ पा रहे थे| उन्होंने, रिंकी का इलाज करवाने के लिए, कई डॉक्टरों की मदद ली लेकिन, कोई भी डॉक्टर, रिंकी की इस हालत की वजह, नहीं बता पाया क्योंकि, खिलौनों से खेलना तो, बच्चों की ज़िंदगी का हिस्सा होता है तो, फिर रिंकी की इस हालत की वजह, क्या थी? वह अपनी बेटी का इलाज करवाते-करवाते थक चुके थे लेकिन, कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा था| एक दिन उन्हें, अपने मित्र के ज़रिए पता चलता है कि, एक दूसरे शहर आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र है| जहाँ रिंकी की मानसिक बीमारी का इलाज संभव है| वह अगले ही दिन, अपनी पत्नी के साथ, रिंकी को लेकर ट्रेन से निकल जाते हैं| ट्रेन का सफ़र लंबा था|
![प्रेरणादायक सुविचार इन हिंदी प्रेरणादायक सुविचार इन हिंदी](http://bacchonkikahaniyan.in/wp-content/uploads/2024/01/teddy-bear1-300x216.jpg)
समय काटने के लिए, वह आस पास बैठे हुए लोगों से, बातें करने लगते हैं| इसी बीच, एक रिटायर्ड आर्मी अधिकारी उनसे, उनकी यात्रा का कारण पूछते हैं| रिंकी के पापा, आर्मी अधिकारी को, रिंकी के दिमाग़ की हालत के बारे में बताते हैं| आर्मी अधिकारी तुरंत, रिंकी की बीमारी समझ जाते हैं और वह हँसते हुए कहते हैं, “तुम बहुत भाग्यशाली हो कि, तुम्हारी बेटी के पास, अटूट एकाग्रता है| तुम्हें सिर्फ़ अपनी बेटी को, टेडी बियर के ज़रिए, छोटे छोटे लक्ष्य देना होगा क्योंकि, आपकी बेटी के दिल के केंद्र में, टेडी बियर बैठा हुआ है इसलिए, वह टेडी बीयर की इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए, कोई भी काम कर सकती है और वह इच्छाएं उसके बचपन से आ रही हैं| अब आपको, अपनी बेटी के सामने, टेडी बीयर की कहानी, बनानी होगी ताकि, आप चालाकी से, अपनी बच्ची का मन, बदल सकें क्योंकि, इंसान वही करता है जो, उसका मन उससे करवाता है और यदि, तुम्हें अपनी बच्ची को विकसित करना है तो, उसके सामने टेडी बीयर की सोच को बढ़ाना होगा ताकि, तुम्हारी बच्ची को ऐसा लगे कि, टेडी बियर ही उसे, यह सब करने को कह रहा है|” रिंकी के पापा को, आर्मी ऑफ़िसर की सलाह, बहुत पसंद आती है| वह अगले स्टेशन में उतरकर, घर वापस आ जाते हैं और रिंकी को, टेडी बीयर की नई नई कहानियां बनाकर, जीवन का सही अर्थ समझाने लगते हैं और देखते ही देखते, रिंकी की हालत, कुछ ही महीनों में बेहतर होने लगती है| एक सामान्य सी सलाह ने, रिंकी के जीवन को नई दिशा दे दी थी|