बदला (Badla)- गरीब बेटी की कहानी (Kahaniyan hindi mein for students):
गरीब बेटी की कहानी– बदला, जिसे प्रतिशोध भी कहा जाता है| इस कहानी के पहले अध्याय में, हमने विजय के धोखे का अंजाम देखा था लेकिन, अब बात थी सीमा के बदले की| इस घटना ने सीमा को अंदर से, झकझोर के रख दिया था| सीमा ने तय किया, अब हॉस्टल में नहीं रहेगी क्योंकि, वह इस माहौल से दूर जाना चाहती थी ताकि, उसे विजय की याद ना सताए| उसने कुछ लड़कियों के साथ मिलकर, एक किराये का फ़्लैट ले लिया और वही पे, अपनी पढ़ाई करने लगी| सीमा अपने साथ साथ लड़कियों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित करने लगी| लड़कियों ने सीमा को, अपना शिक्षक मानना शुरू कर दिया था| देखते ही देखते सीमा की ज़िंदगी में, खुशियाँ फिर से दाख़िल होने लगी| वह सारा दिन अपने फ़्लैट पर, अंतिम वर्ष की परीक्षाओं की तैयारी में जुट चुकी थी| कॉलेज में, छात्र छात्राओं की अनुपस्थिति से, कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ता था| यहाँ के ज़्यादातर छात्र, स्वाध्याय ही किया करते थे| कुछ दिनों में ही, सीमा ने अपने साथ रहने वाली लड़कियों को, कई विषयों में पारंगत कर दिया|
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सीमा के प्रथम वर्ष के परिणाम ने, पहले ही लड़कियों का मनोबल बढ़ा दिया था लेकिन, दुर्भाग्य से दूसरे वर्ष विजय की साज़िश का शिकार होने के कारण, सीमा को सभी छात्रों के सामने अपमानित होना पड़ा था लेकिन, अब वह तैयार थी, अपने अपमान का बदला लेने के लिए| एक दिन सभी छात्र छात्राएँ कक्षा में बैठे हुए थे अचानक, एक नोटिस मिलते ही, सभी को झटका लगता है क्योंकि, इस बार परीक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से ली जाने वाली थी| इस कॉलेज में, आज से पहले कभी ऑनलाइन परीक्षाएं नहीं हुई थीं| सभी छात्रों का यह पहला अनुभव होने वाला था| ऑनलाइन परीक्षा से, सबसे ज़्यादा सीमा को बुरा लगता है क्योंकि, अंतिम वर्ष की परीक्षा में प्रथम आना, उसके आत्म सम्मान की लड़ाई थी लेकिन, ऑनलाइन परीक्षाओं ने, वैकल्पिक प्रश्नों को आमंत्रित कर दिया था जिसके लिए, सीमा तैयार नहीं थी| परीक्षा तो देनी ही थी| सभी बच्चे परीक्षा के दिन, पूरी तैयारी से पहुँच चुके थे| एक एक करके, सभी छात्र छात्राएँ कम्प्यूटर रूम में, गेट पास देकर प्रवेश करते हैं| कंप्यूटर स्क्रीन में निर्देशों को पढ़ने के बाद, सभी छात्र प्रश्न पत्र आने का इंतज़ार करने लगते हैं और जैसे ही, स्क्रीन पर प्रश्न पत्र दिखाई देता है, सभी को यक़ीन ही नहीं होता क्योंकि, सबके प्रश्न एक दम बिलकुल अलग थे| ऐसा पहली बार किया गया था फिर भी, सभी ने अपनी अपनी तैयारी के हिसाब से, परीक्षा में प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास किया|
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सीमा इस बार अपने उत्तर पुस्तिका से, संतुष्ट नहीं थी क्योंकि, उसने जिस तरीक़े से परीक्षाओं की तैयारी की थी, उसका प्रदर्शन उतना ही बुरा था| कई प्रश्नों के उत्तर, बिना किये ही उसने छोड़ दिए थे| समय ख़त्म होते ही, सभी का कंप्यूटर बंद हो जाता है| यह सभी छात्रों का आख़िरी साल था| सभी को पूरी उम्मीद थी कि, इस बार भी लड़के ही बाज़ी मारेंगे लेकिन, रिज़ल्ट आते ही लड़कियों ने इतिहास रच दिया था| इस बार सीमा ही नहीं, उसके साथ रहने वाली, सभी लड़कियाँ टॉप १० पोज़ीशन पर थीं| दरअसल पेपर सभी छात्रों के लिए कठिन था और ज़्यादातर छात्रों ने, कई प्रश्न छोड़ दिए थे लेकिन, सीमा और उसकी सहेलियों ने ज़्यादातर प्रश्नों के उत्तर, शुद्धता से दिए थे जिसकी वजह से, इस बार टॉपटेन लड़कियाँ ही थी| लड़कों को एहसास हो चुका था कि, अब वक़्त बदल चुका है और उनकी सत्ता भी, कॉलेज से छिन चुकी थी| अब लड़कियों ने, लड़कों के सामने सर उठाकर जीना सीख लिया था| सीमा का बदला पूरा हो चुका था लेकिन, सीमा विजय को कभी भूल नहीं पाई थी|