Supremo Robot | मेरा दोस्त सुप्रीमो रोबोट

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मेरा दोस्त सुप्रीमो रोबोट (supremo robot):

आज के आधुनिक युग में, रोबोट हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बनते जा रहे हैं और इसी से प्रेरित होकर, मेरा दोस्त नाम की कहानी लिखी गई है, जिसमें मुख्य किरदार सुप्रीमो रोबोट (supremo robot) का होगा| एक छोटा सा शहर था, वहाँ एक लड़का अपने माता पिता के साथ रहता था| लड़के का नाम बब्लू था| बब्लू की उम्र, तेरह वर्ष की थी और छोटी सी उम्र में ही, बब्लू को रोबोट्स में बड़ी दिलचस्पी थी| एक दिन बब्लू अपने स्कूल जाता है| स्कूल में विज्ञान के प्रदर्शन के लिए, रोबोट लाया जाता है| सभी बच्चे रोबोट को देख कर तालियाँ बजा रहे होते हैं, लेकिन बब्लू के दिल में, रोबोट को पाने की जिज्ञासा जाग उठती है| बब्लू घर पहुँचते ही, अपने पिताजी से रोबोट लाने की ज़िद करने लगता है| बब्लू के पिताजी, उससे बहुत प्यार करते थे| वह इंटरनेट पर, एक वेबसाइट से, ऑनलाइन रोबोट ऑर्डर कर देते हैं और तीन दिनों के अंदर ही, रोबोट बब्लू के पास आ जाता है| बब्लू बॉक्स खोलकर देखता है तो, उसमें रोबोट का नाम लिखा होता है, सुप्रीमो रोबोट| बब्लू पड़ोस के बच्चों के पास जाकर, सभी से कहता है, मेरा दोस्त सुप्रीमो रोबोट (supremo robot) आ गया| मोहल्ले के सभी बच्चे, रोबोट को देखकर बहुत ख़ुश होते हैं| सुप्रीमो रोबोट (supremo robot) बहुत बुद्धिमान था, वह आते ही सभी बच्चों का नाम, एक एक करके बता देता है| सभी बच्चे इस घटना को सामान्य समझ रहे होते हैं, उन्हें लगता है कि, रोबोट तो कुछ भी बता सकता है| सभी रोबोट के साथ ख़ूब मस्ती करते हैं| बब्लू ज़्यादातर समय सुप्रीमो रोबोट (supremo robot) के साथ ही गुज़ारने लगा था, जिसके कारण उसकी पढ़ाई में कमी आ चुकी थी और उसने स्कूल जाना भी, कम कर दिया था| एक दिन उसे पता चलता है कि, उसके स्कूल में सामान्य ज्ञान की परीक्षा होने वाली है, लेकिन बब्लू ने बहुत दिनों से, किताबों को हाथ भी नहीं लगाया था| वह परीक्षा का नाम सुनते ही, डर जाता है| वह अपने रोबोट से बात करते हुए कहता है, “इतने सारे सवालों के जवाब, कैसे याद होंगे मुझे”| अचानक सुप्रीमो रोबोट (supremo robot) की आँखों में लाइट जलने लगती है और बब्लू को निर्देश दिया जाता है कि, रोबोट से डाटा ट्रांसफर करने के लिए, लाल रंग की बटन दबाएँ और बब्लू तुरंत बटन दबा देता है, अचानक कमरे में तेज रोशनी होती है और बब्लू बिस्तर पर लेट जाता है| उसकी आंखें बंद हो जाती है|

मेरा दोस्त सुप्रीमो रोबोट (supremo robot)
Image by Arun kumar from Pixabay

कुछ देर बाद, धीरे धीरे बब्लू अपनी आंखें खोलता है| उसके सर में दर्द हो रहा होता है| वह उठकर तैयार होता है और अपने स्कूल के लिए निकल जाता है| स्कूल में सभी बच्चे, सामान्य ज्ञान की परीक्षा को लेकर उत्साहित थे| स्कूल में बच्चे अपनी अपनी जगह पर जाकर बैठ जाते हैं| यह परीक्षा मौखिक तौर पर ली जानी थी| सभी बच्चों से प्रश्न पूछे जाएंगे और बच्चों के जवाब से, तय होगा कि, बच्चों को सामान्य ज्ञान की कितनी जानकारी है| स्कूल में एक वैज्ञानिक भी विशेष अतिथि के तौर पर आए हुए थे जो, बच्चों से विज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछने वाले थे और बच्चों को, विज्ञान का महत्व समझाने के लिए, एक छोटा सा भाषण भी होने वाला था, जिसके लिए सभी बच्चे उत्साहित थे| बच्चों के लिए विज्ञान, वैसे ही रुचि पूर्ण होता है और जैसे ही वैज्ञानिक, कक्षा में प्रवेश करते हैं| सभी बच्चे तालियां बजाकर, उनका स्वागत करते हैं| वैज्ञानिक के साथ स्कूल के कई शिक्षक बैठे होते हैं और वैज्ञानिक बच्चों की सामान्य ज्ञान की परीक्षा शुरू कर देते हैं| पहले कुछ सवालों आसान होते हैं, जिनका जवाब, कई बच्चे बता देते हैं| बच्चों के उत्साह को देखकर, वैज्ञानिक जल्दबाज़ी में, एक ऐसा प्रश्न पूछ बैठते हैं, जिसका जवाब उन्हें भी नहीं पता होता| उस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए, वह कई सालों से रिसर्च में लगे हुए हैं, लेकिन इसका उत्तर देने के लिए बब्लू का हाथ उठ जाता है| वैज्ञानिक मुस्कराने लगते हैं और कहते हैं, “अरे बेटा, गलती से मैंने, तुम सभी से बहुत कठिन प्रश्न पूछ लिया, इसका जवाब तो, अभी तक खोजा ही नहीं गया| भला तुम्हें कैसे पता होगा| लेकिन अगले ही पल बब्लू बोलना शुरू करता है और देखते ही देखते, वैज्ञानिक के चेहरे का रंग बदलने लगता है| बब्लू की बातें सुनकर, वैज्ञानिक की आँखें फटी रह जाती है| वह बब्लू से बीच में ही रुकने को कहते हैं और पूछते हैं, “बेटा तुम्हें यह सब कैसे पता”| बब्लू जवाब देते हुए कहता है, “पता नहीं सर लेकिन मैं यह सब जानता हूँ| बब्लू के ज्ञान की चर्चा उसके माता पिता तक पहुँच जाती है| उसके पिता को भी अपने बच्चे के बारे में जानकर हैरानी होती है, क्योंकि आज से पहले तो, बब्लू ने कभी अपनी किताब के प्रश्नों के जवाब तक नहीं दिए, फिर वह यह सब कैसे जानता था| वह अपने बेटे से, उसके ज्ञान का रहस्य जानने की बहुत कोशिश करते हैं, लेकिन बब्लू से उन्हें, कुछ जानकारी प्राप्त नहीं होती| अगले दिन वैज्ञानिक बब्लू से दोबारा मिलने की इच्छा करते हैं और जब वह स्कूल पहुँचता है तो, वैज्ञानिक तुरंत अपने अनुसंधान केन्द्र से, अपनी रिसर्च टीम को बुलवाते हैं और बब्लू की बतायी हुई बातों के आधार पर, अपनी कई वर्षों की रुकी हुई रिसर्च, पुनः शुरू कर देते हैं| वैज्ञानिक बब्लू को अकेले कमरे में ले जाते हैं और उससे बारीकी से सारी बातें पूछते हैं| बब्लू एक एक करके, वैज्ञानिकों को हैरान करता जाता है| वैज्ञानिकों को अचंभा हो रहा था कि, इतनी कम उम्र में, बब्लू को ये सारी बातें, कैसे पता चली| धीरे धीरे पूरे विश्व में, मीडिया के ज़रिए, बब्लू के ज्ञान की चर्चा होने लगती है, क्योंकि बब्लू की बतायी गई बातें, बड़े बड़े वैज्ञानिक भी नहीं जानते थे| कई देशों के वैज्ञानिक, बब्लू से मिलने की कोशिश करने लगते हैं| बब्लू की ख्याति बढ़ता देख, उसे राज्य सरकार द्वारा विशेष व्यक्ति का दर्जा दिया जाता है| वैज्ञानिक बब्लू के दिमाग़ का परीक्षण करना चाहते हैं, ताकि वह पता लगा सकें कि, बब्लू के दिमाग़ में, ऐसे कौन से न्यूरॉन्स हैं जो, उसे इतनी महत्वपूर्ण जानकारी, इतनी कम उम्र में दे रहे हैं| सरकारी डॉक्टरों की मौजूदगी में, बब्लू का दिमाग़ी परीक्षण किया जाता है और जब रिपोर्ट, सबके सामने आती है तो, डॉक्टर्स चौंक जाते हैं| बब्लू के दिमाग़ में, अप्राकृतिक बदलाव हुए थे| उसके दिमाग़ की कोशिकाएँ, एक आम इंसान से, दस गुना ज़्यादा तेज़ी से प्रतिदिन विकसित हो रहीं थीं|

Supremo robot story in hindi
Image by Gerd Altmann from Pixabay

इसका मतलब था कि वह सुपर साइंटिस्ट ब्रेन बनता जा रहा था| डॉक्टर बब्लू के भविष्य को लेकर चिंतित थे| वैज्ञानिक अच्छे तरीक़े से जानते थे| यदि यह न्यूरॉन्स ऐसे ही विकसित होते रहें तो, बब्लू अपना दिमाग़ी संतुलन खो बैठेगा, क्योंकि बब्लू का दिमाग़ क्षमता से अधिक न्यूरॉन्स को जन्म दे रहा था, जिससे बबलू का ज्ञान तो बढ़ रहा था, लेकिन उसका जीवन संकट से घिर चुका था| वैज्ञानिक और डॉक्टर्स, बब्लू के ज्ञान की जड़ का, पता लगाना चाहते हैं, इसलिए वह उसके पिता से मुलाक़ात करते हैं और बातों बातों में बब्लू के पिता, वैज्ञानिकों को रोबोट के बारे में बताते हैं और जैसे ही वैज्ञानिक सुप्रीमो रोबोट (supremo robot) के पास पहुँचते हैं| वह अपने आप चालू हो जाता है और वैज्ञानिकों से, उन्हीं का नाम बताते हुए बात करना शुरू कर देता है| वैज्ञानिकों को बब्लू के दिमाग़ के परिवर्तन की वजह समझ में आ जाती है| वह बब्लू के पिता से पूछते हैं कि, “यह रोबोट आपने किस जगह से मंगाया था”? बब्लू के पिता, उसी वेबसाइट का नाम बता देते हैं, जिससे उन्होंने रोबोट ख़रीदा था, लेकिन जब वैज्ञानिक, वेबसाइट खोलकर देखते हैं तो, वह डिलीट हो चुकी होती है| साइबर एक्सपर्ट से, पता लगवाने के बाद भी, उस वेबसाइट को बनाने वाले की जानकारी प्राप्त नहीं होती, लेकिन वैज्ञानिकों के हाथ सुप्रीमो रोबोट (supremo robot) लग चुका था और वह उसका परीक्षण करके, यह जान चुके थे कि, यह कोई साधारण रोबोट नहीं, बल्कि सुपर कंप्यूटर रोबोट है जो, ख़ुद की सोच से काम करने के लिए बनाया गया है, लेकिन उन्हें एक बात समझ में नहीं आ रही थीं कि, आख़िर इस रोबोट ने, अपना ज्ञान बब्लू के दिमाग़ के अंदर, कैसे ट्रांसफर किया| बब्लू के पिता, यह सब बातें जानकर, अपने बेटे के लिए चिंतित हो जाते हैं| वह वैज्ञानिकों से हाथ जोड़कर, अपने बच्चों को इन सब चक्करों से, हटाने की गुज़ारिश करने लगते हैं| वैज्ञानिक उन्हें दिलासा देते हुए कहते हैं कि, “आप चिंता मत करिए| आपका बच्चा बहुत बहादुर है और वह इन सब बातों से लड़ने के लिए सक्षम हो चुका है और अब से वह हमारी टीम का हिस्सा है”| बब्लू की हालत एकदम सामान्य बच्चे की तरह होती है| सिर्फ़ उसका दिमाग़ स्पेशल बन चुका था| बब्लू के ज्ञान की वजह से, उसे 13 साल की उम्र में ही, वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र में, नियुक्ति मिल जाती है और वह रिसर्च टीम का हिस्सा बन जाता है| बब्लू और सुप्रीमो रोबोट (supremo robot) की दोस्ती एक सी एक खोज को जन्म देती है, जिससे पूरी मानव जाति का जीवन, सहज हो जाता है और इसी के साथ, सुप्रीमो रोबोट (supremo robot) की दोस्ती की यह दास्तान ख़त्म हो जाती है|

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